रूस में चल रही खबरों की मानें तो सरकार जल्द ही वैक्सीन का एक और वर्जन सितंबर महीने में लॉन्च कर सकती है। इसे रूस की दूसरी कोरोना वैक्सीन के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने देश की पहली कोरोना वैक्सीन की घोषणा 11 अगस्त को ही कर दी थी। इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक वी रखा गया। इसे रूस की गेमालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडोमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी की तरफ से डवलप किया गया था।
जब इसमें कई तरह के साइड़ इफेक्ट्स देखे गए तो उन्हें दूर करने के लिए दूसरी दवाई पर काम शुरू किया गया। जिसे पुतिन ने ग्रेट ड्रग कहा। अब इसी ग्रेट ड्रग को उसके परिणामों के आधार पर दूसरी कोरोना वायरस वैक्सीन के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है अक्टूबर-नवंबर महीने में दूसरी वैक्सीन के उत्पादन का काम शुरू कर दिया जाएगा।
नई वैक्सीन का नाम EpiVacCorona :
रूस की मशहूर वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायो-टेक्नोलॉजी की ओर से तैयार की गई इस नई वैक्सीन को ‘एपिवैककोरोना’ नाम दिया गया है। इस वैक्सीन को लेकर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि पहली वैक्सीन के कुछ साइड़ इफेक्ट्स देखे गए हैं। मगर इस नई वैक्सीन के कोई साइड़ इफेक्ट्स नहीं हैं। पहली वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स जैसे सूजन, दर्द, हाइपरथर्मिया यानी तापमान बढ़ना, बुखार के अलावा जिस जगह पर इंजेक्शन लगाया गया है वहां पर खुजली की समस्या हो रही है।
इसके बाद नई वैक्सीन का 100 वॉलेंटियर्स पर ट्रायल किया गया तो इनमें से केवल 6 वॉलेंटियर्स ने ही इंजेक्शन वाली जगह पर मांसपेशियों में दर्द की शिकायत दर्ज कराई। इस पर वेक्टर वैज्ञानिक एलेक्जेंडर रियाजीकोव ने बताया कि ये संख्या काफी कम है। इसलिए इस वैक्सीन का उत्पादन किया जा सकता है। उधर राष्ट्रपति पुतिन ने भी वेक्टर के वैज्ञानिकों पर भरोसा जताने की बात कही है।