– क्या दुनिया में फिर से बजेगा भारत का डंका..
कोरोना पर चल रहे शोध कार्यों को लेकर भारत ने एक बार फिर से पूरी दुनिया को चौंका दिया है। भारत को जुगाड़ों का देश कहा जाता है। और आज इसी एक जुगाड़ के चलते उसने दुनिया में सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन corona vaccine के सबसे नजदीक लाकर खड़ा कर दिया है। वहीं अब तो बड़े बड़े प्रयोगों को सस्ते में निपटाने की महारथ भी हासिल कर ली है। जी हां, भारत अब कोरोना वैक्सीन के निर्माण से बस एक कदम दूर है।
पिछले सप्ताह ही भारत सरकार ने चंडीगढ़ chandigarh के पीजीआई रिसर्च सेंटर PGI को कोरोना पर किए जाने वाले सेफ्टी ट्रायल के लिए चुना था। इसके अलावा दिल्ली एम्स AIMS और भोपाल एम्स को भी इसके ट्रायल की मंजूरी दी गई थी। जिसमें पीजीआई की ओर से किया गया प्रयोग सफल रहा है। वहीं फिलहाल दोनों एम्स की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
इस तरह बनी दवा :
इसके लिए पीजीआई में भर्ती 6 ऐसे मरीजों को चुना जिनको आॅक्सीजन की जरूरत पड़ने वाली थी। उनको माइकोवैक्टेरियम डब्ल्यू MW की दवा के 0.3 एम.एल. के इंजेक्शन दिए गए। यह ट्रायल लगातार 3 दिन तक चला। जिसमें पाया गया कि इस दवा के प्रयोग से उनके शरीर में काफी सकारात्मक positive परिणाम नजर आए हैं। आपको बता दें कि ये दवा मुख्य रूप से कुष्ठ रोग के इलाज में काम आती है। इसके बाद तपेदिक और निमोनिया ग्रस्त पेशेंट्स पर भी इसका प्रयोग सफल रहा था। और अब ये कोरोना के परीक्षण में भी खरी उतरती दिखाई दे रही है।
अब आगे क्या :
पीजीआई की रिपोर्ट के बाद दिल्ली और भोपाल की रिपोर्ट्स का इंतजार किया जा रहा है। वहीं पीजीआई के सफल फॉर्मूले का अब ज्यादा मरीजों पर परीक्षण करके देखा जाएगा। साथ ही मरीज को डोज कितनी मात्रा में देना है। मरीज को ठीक होने में कितना वक्त लगता है। इन सब बातों को देखा जाएगा। उसके बाद फाइनल परीक्षण कर सरकार के पास इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलते ही वैक्सीन का बड़े पैमाने निर्माण और उपयोग शुरू कर दिया जाएगा।