प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब तीनों सेनाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करने की बात कही थी, तभी से माना जा रहा था कि इस पद को लेकर सरकार जल्द कोई कदम उठा सकती है। यह निर्णय तीनों सेनाओं को समान रूप से आगे बढ़ाने के लिए काफी कारगर होगा। इसी के तहत चार स्टार जनरल को अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बनाया जाएगा। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दी।
वर्तमान समय में सुरक्षा की परिस्थितियां बदल रही हैं। सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा में फैसले लेने के लिए सैन्य विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। इस फैसले से सेनाओं के बीच सहयोग और एकता को भी बढ़ावा मिलेगा। जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि सीडीएस रक्षा और इससे जुड़े मामलों में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकीकृत सलाहकार के रूप में कार्य करेंगे। जिसके लिए रक्षा मंत्रालय में एक नया विभाग ‘डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स’ भी बनाया जाएगा। जिसके सचिव सीडीएस होंगे। यह विभाग केवल सैन्य क्षेत्र का ही काम देखेगा। जब रक्षा विभाग देश में अन्य महत्तवपूर्ण मामलों में व्यस्त होगा, ऐसे समय में सशस्त्र बल इस विभाग की सीमा में होगा। साथ ही सैन्य मामलों के लिए विषय विशेषज्ञता भी होगी।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का मकसद देश की सेनाओं को ट्रेनिंग, इंतजाम, स्टॉफ और विभिन्न अभियानों के लिए एकीकृत करना है। इसी के साथ यह विभाग सैन्य सलाह की गुणवत्ता को बढ़ाने का भी कार्य करेगा। जिससे राजनीतिक नेतृत्व को भी इन सेवाओं की जानकारी मिलती रहे। तीनों मुखिया सेवा संबंधी विशेष मामलों के बारे में रक्षा मंत्री को सलाह देते रहेंगे। सीडीएस को किसी भी कमांड के कार्य नहीं करना होगा। सीडीएस रक्षा संपदा परिषद और रक्षा प्लानिंग कमेटी के सदस्य तो होंगे ही, वे जिम्मेदार अधिकारियों को खुफिया सूचनाओं की जानकारी भी देंगे।
कारगिल युद्ध के बाद देश की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए गए थे। युद्ध के बाद बनी समिति ने रक्षा मंत्री के सलाहकार के रूप में सीडीएस को नियुक्त करने का सुझाव दिया था। इस निर्णय से भविष्य में युद्ध के वक्त तीनों सेनाओं के एकीकरण में आसानी होगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति का सबसे बड़ा फायदा तीनों सेनाओं के बीच समन्वय में होगा। जिससे पिछले युद्धों में तीनों सेनाओं के बीच जो समन्वय का अभाव देखा गया था, उसमें काफी असर पड़ेगा।