Teachers Day: भारत में 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में गुरुपरंपरा का बड़ा महत्व माना गया है। बता दें कि भारत में समय-समय पर ऐसी ही महान विभूतियों ने जन्म लिया और देश एवं समाज को एक नई दिशा प्रदान की। इस तस्वीर में देश की 43 ऐसी ही महान विभूतियां यानी गुरू मौजूद हैं, जिनका हम आज भी न केवल सम्मान करते हैं बल्कि भगवान स्वरूप उनकी पूजा भी करते हैं।
इन विभूतियों की एक साथ तस्वीर आपको बहुत ही कम देखने को मिलेंगी। आखिरी उम्मीद को ये तस्वीर राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित एनके पारीक के ‘हाउस संग्रहालय’ में मिली। बता दें कि इन महान गुरूओं की अलग-अलग फोटोज को मिलाकर एक ही फोटो में इस प्रकार लगाया गया है मानो सब एक साथ बैठे हों।
इस तस्वीर की पहली पंक्ति में बुद्धदेव, शंकराचार्य, गुरूनानक, धनंजयदास, प्रणबानंदा, भास्करानंदा, श्रीचैतन्य, निगमानंदा, स्वामी विवेकानंद, जलाराम बाबा, गंभीरानाथ, बालानंद विराजमान हैं।
ठीक इनके उपर दूसरी पंक्ति में महावीर स्वामी, पदमापदाचार्य, भक्त हरिदास, सत्य साईंबाबा, प्रभु नित्यानंद, कबीर, तुलसीदास, रामानुज, गोरक्षनाथ, तोतापुरी, द्यौरा बाबा, संतदास विराजमान हैं।
तीसरी पंक्ति में मधुसूदन सरस्वती, बिसुद्धानंद परमहंस, बिजोयकृष्ण गोस्वामी, श्रीअरविंद, बिसुद्धानंद सरस्वती, महर्षि रमन, साधक राम प्रसाद, साधक बामदेव, श्यामचरण लाहिड़ी, रामठाकुर, प्रभु जगतबंधु, भोलागिरी बैठे हैं।
आखिरी चौथी पंक्ति में बाबाजी महाराज, रामदास कठिया बाबा, महात्मा तैलंग स्वामी, श्रीभोलानाथ, लोकनाथ ब्रह्मचारी, रामकृष्ण और शंकरदेव विराजमान हैं।