पूरे देश में मॉडल राज्य के रूप में पहचान बनाने वाले गुजरात प्रदेश का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें राजकोट के सिविल अस्पताल में हर महीने औसतन करीब सौ बच्चों की मौत की होने की खबर है। ऐसे में गुजरात के इस अस्पताल ने बच्चों की मौत के मामले में राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है। आपको बता दें कि पिछले महीने से लेकर जनवरी माह में राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ के पार जा चुका है। वहीं गुजरात के ही अहमदाबाद सिविल अस्पताल की भी बात करें तो दोनों अस्पतालों में पिछले एक महीने के अंदर करीब 196 मासूमों की जान जा चुकी है।
देशभर में हो रही बच्चों की मौत का कारण सरकारी फाइलों में स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं हो पा रहा है मगर एक्सपर्ट्स की बात मानें तो इसका एक ही कारण सामने निकलकर आता है और वो कारण है लापरवाही। सरकारी अस्पतालों में इलाज के दौरान देखभाल में लापरवाही और समय पर सुविधाओं के अभाव के कारण देशभर में रोजाना लाखों मौतें हो जाती हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर के अस्पताल में हुई मासूमों की मौत की वजह का कारण सरकार और प्रशासन अभी तक नहीं बता पाए हैं। अलग-अलग डॉक्टर्स और जांच कमेटियों की अलग-अलग दलीलें और रिपोर्ट्स निकलकर आई हैं।
सवाल : मौत होने के बाद ही लाखों के संसाधनों की खरीद के लिए बजट पास क्यों किए जाते हैं?
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