पटना वाले खान सर यानी GS जनरल स्टडीज वाले खान सर। इन दोनों ही नाम से सोशल मीडिया पर बीते कई साल से एक शख्स चर्चित है। इनकी फैन फॉलोइंग की बात करें तो इनके एक चैनल Khan GS Research Centre पर 92 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। टीचर हैं और अपने बिहारी जायके के साथ देश दुनिया से जुड़ा कोई भी टॉपिक क्यों न हो, वीडियो बना ड़ालते हैं। अपने देसी अंदाज और टॉपिक को आसान बनाकर पढ़ाने के कारण ही इनकी एक तगड़ी फैन फॉलोइंग है। अब तक वह करीब 10,000 घंटे के वीडियो बना चुके हैं।
अचानक क्यों आए चर्चा में
दरअसल खान सर ने 24 अप्रैल को फ्रांस-पाकिस्तान के संबंधों पर एक वीडियो डाला था। वीडियो में फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से वापस भेजने के लिए जमकर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं जिनमें बच्चे भी हिस्सा ले रहे हैं। यहां बच्चों के प्रदर्शन को लेकर वह बोलते हैं –
‘ई रैली में ये बेचार बचवा है। इसको क्या पता कि राजदूत क्या चीज होता है, लेकिन फ्रांस के राजदूत को बाहर ले जाएंगे। बाबू लोग, तुम लोग पढ़ लो। अब्बा के कहने पर मत आओ। अब्बा तो पंचर सांट ही रहे हैं (माने बना ही रहे हैं)। ऐसा ही तुम लोग भी करेगा तो बड़ा होकर तुम लोग भी पंचर साटेगा। तो पंचर मत साटो वरना तुमको तो पता ही है कि कुछ नहीं होगा तो चौराहे पर बैठकर मीट काटेगा तुम।
बकलोल कहीं के। बताइए, ये उमर है बच्चों को यहां पर लाने का? लेकिन क्या ही कीजिएगा! 18-19 पैदा होंगे तो किस काम में आएंगे? कोई बर्तन धोयेगा, कोई बकरी काटेगा, कोई पंचर बनाएगा। इसके बाद इसे धर्म विशेष के खिलाफ जानकर ट्विटर पर #ReportOnKhanSir की बाढ़ आ गई और ट्रेंड करने लगा।
खान सर या अमित सिंह?
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो चला जिसमें वह कह रहे हैं कि ‘मेरा नाम खान सर नहीं है। तुम लोगों को एक मिस्ट्री बताता हूं। मिस्ट्री ये है कि हम जब पढ़ाने गए थे, तो हम टीचर ही नहीं थे। एक कोचिंग थी, जिसने कमाने के लिए लड़कों को तो रख लिया, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर ही नहीं थे। तो हमें बुलाया गया कि सर आइए, एक बार क्लास लीजिए। पहले दिन 6 लड़के थे। अगले दिन 40-50, उसके अगले दिन 150 हो गए।
अब उन कोचिंग वालों को डर हो गया कि अगर ये मास्टर यहां से हट गया तो सारे लड़के इसके पीछे चले जाएंगे। तो उन्होंने हमसे कहा कि न आपको अपना नाम बताना है, न मोबाइल नंबर। हमने कहा कि हमको क्या मतलब इन सबसे। हमने न किसी को नाम बताया, न मोबाइल नंबर। हम अपना नाम GS टीचर बता देते थे। बाद में उन लोगों ने ही एक नाम जुगाड़ दिया– ‘खान सर।’ जबकि ऐसे लोग हमको अमित सिंह कहकर बुलाते हैं।
अब असली नाम बन गया मिस्ट्री
दरअसल खान सर से जब एक मीडिया चैनल ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि नाम में क्या रखा है! लोगों को उनके काम से जानना चाहिए। ऐसे तो नेल्सन मंडेला को अफ्रीका का गांधी कहा जाता है। लेकिन इस आधार पर हम उन्हें गांधी तो नहीं मान सकते। मुझे कौन क्या कहता है, इस पर मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। इनमें से एक नाम अमित भी है। खान सर एक टाइटल है। मेरा असली नाम मैंने कभी किसी को नहीं बताया। समय पर आने पर सबको पता चल जाएगा।