इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरूवार को होने वाला है। यह सूर्य ग्रहण भारत सहित यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया के साथ ही पूर्वी अफ्रीका में भी दिखाई देगा। ग्रहण के समय होने वाले सूतक को भारत में बहुत प्रभावी माना जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव धार्मिक और ज्योतिष के नजरिए से बहुत महत्व रखता है। इसलिए ग्रहण के समय सूतक काल और राशियों पर इस ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ रहा है आइए जानते हैं।
यह सूर्य ग्रहण गुरुवार को पौष मास की अमावस्या पर सुबह 08:13 से 10:56 तक प्रभावी रहेगा। ग्रहण भारत में दिखाई देने के कारण सूतक का असर भी रहेगा। सूतक का समय ग्रहण के एक दिन पहले ही शुरू हो जाता है। 25 दिसंबर की शाम 8 बजकर 13 मिनट से सूतक शुरू होकर अगले दिन सुबह 10:57 तक सूर्य ग्रहण के खत्म होने तक रहेगा। हिंदू धर्म की बात करें तो ग्रहण के इस पूरे समय को अशुभ माना जाता है। इसलिए मान्यतानुसार ग्रहणकाल में किसी भी प्रकार के नए कार्यों को शुरू नहीं किया जाना चाहिए।
यहां तक कि सूतक के समय भोजन बनाना और खाना भी वर्जित माना जाता है। साथ ही देवी-देवताओं को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस समय भगवान के भजनों और मंत्रों का उच्चारण बहुत प्रभावी होता है।
आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहण वृषभ, कन्या, तुला एवं कुम्भ राशि के लिए कल्याणकारी रहेगा। वहीं मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन राशि के लोगों के लिए सामान्य रहेगा।
पं. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि 25 दिसंबर 2019 को रात्रि 8 बजे से पहले पूजा पाठ संपूर्ण कर लेवें और 26 दिसंबर 2019 को दिन में 11 बजे बाद ही अपने मंदिरों के पट खोलें। गुरूवार 10:56 के बाद ही ग्रहण शुद्ध होगा।