कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर दुनियाभर में शोध चल रहे हैं। दिग्गज फार्मा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन में रात दिन जुटी हुई हैं। ऐसे में हरेक देश सबसे पहले इस महामारी की वैक्सीन बनाकर दुनिया के समक्ष खुद को श्रेष्ठ साबित करने की होड में लगा है। वहीं कई कंपनियां दूसरे देशों के साथ मिलकर भी इस पर काम कर रही हैं। आइए जानते दुनिया की उन टॉप 5 कंपनियों के बारे में जो इस समय कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगी हुई हैं।
बायोऐंटेक और फाइजर- जर्मनी की कंपनी बायोऐंटेक, अमेरिका की फाइजर और चीन की फोसुन फार्मा ने मिलकर कोरोना की वैक्सीन बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि इनकी ओर से बनाई जा रही वैक्सीन के परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि अक्टूबर 2020 तक तीनों कंपनियां मिलकर वैक्सीन का सफल परीक्षण कर लेंगी।
भारत बायोटेक- जैसा कि नाम से विदित है। भारत बायोटेक एक भारतीय कंपनी है और ये सरकारी इंस्टीट्यूट आईसीएमआर के साथ कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगी हुई है। बता दें कि इंसानी परीक्षण के लिए इसके दूसरे चरण को भी मंजूरी मिल चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी 15 अगस्त तक वैक्सीन को बाजार में उतार सकती है। इसके अलावा जाइडस कैडिला नाम की कंपनी को भी दूसरे परीक्षण की मंजूरी मिल चुकी है। ये कंपनी भी कोरोना वैक्सीन को लेकर जल्द कोई खुशखबरी दे सकती है।
ऐस्ट्राजेनेका- ये है ब्रिटिश-स्वीडिश की कंपनी ऐस्ट्राजेनेका जो कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही है। इस ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी का भी अनुमान है कि ये अक्टूबर 2020 तक वैक्सीन को बना लेगी। हालांकि 3 चरणों में से पहले चरण को कंपनी सफलता पूर्वक पार कर चुकी है। जो इंसानों पर किया गया है। फिलहाल इसके अगले चरणों पर काम चल रहा है।
चाइनीज अकेडमी- चाइनीज अकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज वही इंस्टिट्यूट है जो कि ‘पोलियो और हैपेटाइटिस-ए’ जैसी बीमारियों की वैक्सीन बना चुकी है। इसी के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल बायोलॉजी में कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।
एंजेस- ये जापान की एक कंपनी है। एंजेस ओसाका यूनिवर्सिटी और एक अन्य बायो कंपनी तकारा के साथ कोरोना की वैक्सीन पर काम कर रही है। बता दें कि कंपनी इसमें तीसरे चरण के परीक्षण कर रही है। हालांकि कंपनी की ओर से फिलहाल वैक्सीन की संभावित डेट को उजागर नहीं किया है।