वॉशिगटन. विदेश मंत्री एस जयशंकर External Affairs Minister S Jaishankar इन दिनों 3 दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। शुक्रवार को अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकेन के साथ उनकी कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इस दौरान अमेरिका के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के कार्यवाहक सहायक सचिव डीन थॉम्पसन ने एक बड़ी बात कही। थॉम्पसन ने कहा कि ‘अमेरिकी सरकार, राज्य सरकारों, अमेरिकी कंपनियों और निजी लोगों ने कुल मिलाकर भारत को COVID-19 राहत आपूर्ति में अब तक 50 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक यानी 36 अरब रुपए से ज्यादा की राशि प्रदान की है।’
अब क्या बोला अमेरिका
इसके अलावा दक्षिण और एशियाई मामलों के ब्यूरो ने भारत को वैक्सीन बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। जिससे एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 2 करोड़ से भी अधिक डोज बनाई जा सकेंगी। बता दें कि भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड नाम दिया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि भारत ने कोरोना की पहली लहर के दौरान उनका साथ दिया, उसे अमेरिका कभी भूल नहीं सकता। अब हम भारत के लिए और उसके साथ खड़े हैं, दोनों मिलकर कोविड19 से लड़ाई लड़ रहे हैं।
36 अरब में कितनों को लग सकता था टीका
अमेरिका की ओर से अब तक भारत को 36 अरब से अधिक की मदद मिल चुकी है। हालांकि ये मदद अलग-अलग तरह से की गई है। जिसमें वेंटीलेटर से लेकर कई प्रकार के जरूरी संसाधन शामिल हैं। यदि भारत में संसाधनों की कमी न होती तो इस राशि में 24 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती थी। वहीं दोनों डोज की बात करें तो ये संख्या करीब 12 करोड़ के लगभग बैठती है। याद रहे भारत में 28 मई 2021 तक करीब 4 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है।