– आखिर कोरोना की सबसे खतरनाक स्टेज कौनसी होती है?
कोरोना के भय से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भयभीत है। इस खतरनाक जानलेवा वायरस के कुछ स्टेज बताए गए हैं। जिनके माध्यम से इसके कम अथवा अधिक होने का अनुमान लगाया जाता है। भारत की बात करें तो इस समय देश दूसरे एवं तीसरे स्टेज के बीच में चल रहा है। आखिर क्या हैं ये स्टेज और किस तरह से इनका आंकलन किया जाता है, चलिए विस्तार से जानते हैं।
सबसे पहले आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है कि यह वायरस भारत में नहीं था। यह दूसरे देश से आया है।
पहली स्टेज : यह वो स्टेज होती है जब बाहर से यानि दूसरे संक्रमित देश से आया हुआ व्यक्ति ही इस वायरस की चपेट में होता है।
दूसरी स्टेज : जब बाहर से आए हुए व्यक्ति के अलावा यह वायरस उसके किसी परिजन, दोस्त अथवा रिलेटिव्ज में पहुंच जाता है।
तीसरी स्टेज : जब यह वायरस परिजन, दोस्त एवं रिलेटिव्ज से पड़ौसी एवं समाज में फैलने लग जाए। जिसे कम्युनिटी संक्रमण कहा जाता है।
चौथी स्टेज : यह स्टेज महामारी का रूप धारण कर लेती है। इसमें यह अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि व्यक्ति वायरस की चपेट में किसके संपर्क से आया। यानि संक्रमण के स्त्रोत का पता लगाना कठिन हो जाता है। क्योंकि यह वायरस इंसान के अलावा जानवरों तक पहुंच जाता है।
भारत इस समय दूसरी एवं तीसरी स्टेज के बीच में है। अभी इसे कंट्रॉल किया जा सकता है। लेकिन इटली और अमेरिका में यह तीसरी स्टेज में पहुंच चुका है। यही वजह है कि शुरूआत में इटली में कोरोना रोगियों की संख्या केवल 200 से 300 कि बीच में थी। जो आज हजारों में पहुंच चुकी है। यही हाल फिलहाल अमेरिका का है।
बता दें कि दूसरी स्टेज तक संक्रमित व्यक्तियों को चिन्हित कर इस वायरस को आसानी से कंट्रॉल किया जा सकता है। मगर इससे अगले चरण यानि तीसरी स्टेज में पहुंचने पर यह काम थोड़ा कठिन हो जाता है। क्योंकि इसमें संक्रमण और संक्रमित व्यक्तियों की संख्या काफी बढ़ जाती है। लेकिन इससे अगली स्टेज महामारी के रूप में पहुंच जाती है जिसे कंट्रॉल कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। चौथी स्टेज में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या कुछ ही दिनों में कई गुना तक बढ़ जाती है। अत: इसमें वायरस के कंट्रॉल करने की अवधि का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।