- ऐतिहासिक महिला वंशावली में अब दोहितियां भी होंगी शामिल
- प्रमुख इतिहासकारों व साहित्यकारों ने माना, विश्व में अब तक नहीं बनी ऐसी वंशावली
राजस्थान (Women’s Day 2021). राजधानी जयपुर के एक छोटे से गांव महापुरा में रहने वाले चेतन गोस्वामी ने इतिहास की प्रथम महिला वंशावली ‘वंशवल्लरी’ तैयार की है। चेतन अब इसमें एक और ऐतिहासिक अध्याय जोड़ने जा रहे हैं। वे अब इसमें बेटी पक्ष की पीढ़ियों यानी दोहितियों व उनसे आगे की पीढ़ी को भी शामिल कर रहे हैं। बता दें कि किसी भी समाज में जहां वंश वृक्षों की बात आती है तो वंश वृक्ष पुरुषों पर ही आधारित पाए जाते हैं। जैसे कौन किसका पोता, बेटा, दादा, पड़दादा तथा इसी तरह से पुरुषों की आगे की पीढ़ियों का ही उल्लेख मिलता है।
मातृ पक्ष की पहली वंशावली
चेतन गोस्वामी ने इसके विपरीत मातृ पक्ष को केन्द्र में रखकर वंश की पुत्रियों, पुत्र-वधुओं, पौत्री, प्र-पौत्री, प्र-प्रपौत्री, पौत्र-वधू, प्र-प्रपौत्र वधू की जानकारी यानी कौन किसकी पुत्री किसको, कहां व किस गौत्र में विवाहित हुई व उनके माता-पिता व सास-ससुर का नाम, गोत्र व निवास स्थान कहां है आदि की करीब 10 पीढ़ियों का संकलन व प्रकाशन कर इतिहास के पन्नों में अपना अद्वितीय नाम दर्ज कराया है।
सदियों पुरानी है परंपरा
चेतन ने बताया कि इतिहास के धनी हमारे भारत वर्ष में सहस्त्राब्दियों से वंशवृत्तों के संकलन की परंपरा रही है। विश्वभर के ब्राह्मणों के गोत्र प्रवर्तक ऋषियों की वंशावलियां अथवा गोत्र परंपराएं अब तक स्मरण की जाती हैं। इसी प्रकार सूर्यवंशी, चंद्रवंशी आदि क्षत्रियों की वंशावली उपलब्ध हैं। वैश्यों में भी वंशों का पूरा इतिहास है। इतना सब होते हुए भी यह तथ्य सबके ध्यान में है कि ये सभी वंश-वृक्ष पुरुषों पर ही आधारित रहे हैं।
अब दोहितियों की पीढ़ियों का भी होगा संकलन
चेतन ने बताया कि जल्द ही वे ‘वंशवल्लरी भाग 2’ को प्रकाशित करवाने जा रहे हैं। इसमें मातृ पक्ष के साथ भुआ की पीढ़ियों, दोहितियों की पीढ़ियों का संकलन भी मिलेगा। चेतन का कहना है कि अब तक यह जानकारी विश्व में कहीं भी उपलब्ध नहीं है। इस अद्भुत संकलन के लिए चेतन को अनेकों सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।