दुनिया में कैब सर्विस के रूप में पहचाने जाने वाली ऊबर कंपनी ने ऑनलाइन फूड डिलिवरी में कदम तो रखा लेकिन इसमें ज्यादा सफल नहीं हो पाई। भारत में इसको लेकर काफी समय से इसे बेचे जाने की खबरें आ रही थीं। जिसको लेकर ऊबर ईट्स इंडिया ने आज इस बात पर मुहर लगाते हुए इस बात की पुष्टि कर दी है। आपको बता दें कि ऑनलाइल एप के माध्यम से फूड डिलिवरी करने वाली कंपनी ‘जोमैटो’ ने इसे करीब 35 करोड़ डॉलर में खरीद लिया है।
करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब ऊबर के पास इंडिया में कंपनी के सिर्फ 9.9 फीसदी शेयर ही बचेंगे। 2 हजार 485 करोड़ रुपए के भारतीय कारोबार वाली ऊबर ईट्स इंडिया पिछले काफी समय से घाटे में चल रही थी। जिसको लेकर पहले से ही अपने प्रतिद्वंदी जोमैटो को बेचे जाने की खबरें मार्केट में थीं।
इसलिए बेचनी पड़ी :
करीबी सूत्रों की मानें तो ऊबर कंपनी ने अपनी खुद की पॉलिसी बनाई हुई है जिसके अनुसार यदि कंपनी मार्केट में पॉजिशन के मामले में दूसरे नंबर से नीचे हो जाती है तो वह पतली गली से निकल लेती है। यही कारण ऊबर ईट्स इंडिया को बेचने का माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर ये भी माना जा रहा है कि कैब सेवाओं पर ध्यान देने के लिहाज से ऊबर ने यह फैसला लिया है।
अधिग्रहण केवल भारत में :
ऊबर कंपनी ने अधिग्रहण को लेकर कहा है कि यह केवल भारत के लिए ही है। इसके अलावा दुनिया में जहां भी कंपनी की ओर से यह सर्विस दी जा रही है उसका मालिकाना हक कंपनी के पास ही रहेगा और ऊबर कंपनी ही उसे चलाएगी। यह अनुबंध सिर्फ ऊबर ईट्स के लिए है जो केवल भारतीय बाजार के लिए रहेगा।
इनकी नौकरी पर लटकी तलवार :
ऊबर ईट्स अपने यूजर्स का डेटा तो जोमैटो के लिए सौंप देगी, लेकिन कमचारियों को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। एक पत्रिका की मानें तो जोमैटो ने उबर ईट्स के कर्मचारियों को लेने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में यहां काम करने वाले सभी तरह के कर्मचारी एवं एग्जिक्यूटिव के ऊपर नौकरी की तलवार लटक गई है।