मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिसम्बर 1984 की रात को गैस लीक हुई थी जो मंजर आज भी लोगों का दिल दहला देता है। आज उसी भोपाल गैस त्रासदी को 35 साल पूरे हो गए हैं। इसे दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी भी माना गया। जिसके बाद लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करने और गैस त्रासदी में मारे गए लोगों को याद करने के लिए 2 दिसम्बर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ और चंद घंटों में हजारों लोग मौत के मुंह में समा गए। इस हादसे में लगभग 15 हजार से अधिक लोगों की जानें गईं थीं और न जाने कितने ही लोग कई तरह की शारीरिक अपंगता का शिकार बन गए।
सालों गुजर जाने के बाद भी यहां सैकड़ों परिवारों के जख्म आज भी वैसे के वैसे हरे हैं। उस भयावह रात के मंजर को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। और हो भी क्यों न, दर्द में चीखना चाह रहे लोग जिनकी आवाज हलक में ही रह गई। लोग भागना चाहकर भी भाग नहीं पाए। कोई समझ पाता तब तक अस्पताल लाशों से पट चुके थे और भोपाल के कब्रिस्तान-श्मशान उस दिन छोटे नजर आने लगे थे।