राजनीति को नहीं समझने वाले जादूगर की वाह वाह कर रहे हैं। वहीं लालची कांग्रेसी खुद को गहलोत की तरफ दिखाने की चेष्टा में लगे हुए हैं। ऐसे में राजनीति का ये ऊंट किस करवट बैठेगा फिलहाल ये साफ होने में अभी वक्त लग सकता है। ये कहना है इंडियन पीपल्स ग्रीन पार्टी के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु का। उन्होंने राजस्थान की राजनीति में चल रहे इस सियासी घमासान को बड़े ही सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि—
ये साफ हो चुका है कि पायलट गुट में अब कुल 19 विधायक हैं। यदि ये 19 विधायक एकजुट रहते हैं तो इस सियासत में कई मोड़ देखने को मिल सकते हैं। जल्द ही बीजेपी राज्यपाल से गुहार करेगी कि सरकार अपना विश्वास मत साबित करे। सरकार इसे कई दिन टालेगी, विधानसभा अध्यक्ष कहना नहीं मानेंगे और मामला कोर्ट तक जाएगा। कितना भी जोर लगे आखिर में फ्लोर टेस्ट तो करवाना ही होगा।
फिलहाल पायलट गुट के इन 19 लोगों की सदस्यता बनी ही रहेगी। वो कांग्रेस के विपरीत भी कुछ न बोलेंगे। उनकी सदस्यता तभी जा सकती हैं जब वो सदन में पार्टी व्हिप की अवहेलना करें अन्यथा वो तब तक तो विधायक रहेंगे ही। सरकार और सदन के अध्यक्ष सीपी जोशी लाख कोशिश करेंगे कि पायलेट गुट की सदस्यता खत्म हो जाये किन्तु यदि वो सावधान कदम बढाएंगे तो बदला लेने के लिए बचे रहेंगे। जब फ्लोर टेस्ट होगा तो सदन में 198 विधायक उपस्थित हो सकते हैं। किन्तु एक सदन के अध्यक्ष हैं और दो बीमार हैं अतः अनुपस्थित रहेंगे अर्थात 99 वोट पर बहुमत होगा।
अब आइये, गिनती करें –
विश्वास मत पर ना पक्ष के वोट इस प्रकार होंगे। 75 बीजेपी और सहयोगी, 19 पायलेट गुट, तीन निर्दलीय, 2 ट्राइबल पार्टी यानी 99 विधायक। इस प्रकार हां पक्ष के लिए बचे कुल 99 विधायक। एक विधानसभा अध्यक्ष को कम कीजिये क्योंकि उनका वोट सिर्फ टाइ होने पर लगेगा तो कांग्रेस को मिले कुल वोट 98। टाइ नहीं हुआ अतः विश्वास मत गिर गया और जादू नहीं चला।
डॉ. सुधांशु ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अमित शाह और बीजेपी के कॉन्ट्रिब्यूशन को नहीं समझा। यदि उन्होंने भी कुछ योगदान दिया तो सियासत का चित्र प्रभावित होना तय है। डॉ. सुधांशु ने चुटकी लेते हुए ये भी कहा कि पॉलिटिकल पंडितों को राष्ट्रपति शासन के योग का आंकलन भी कर लेना चाहिए, नहीं तो बाद में बातें बनाएंगे।
इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष सभी 19 बागी कांग्रेस सदस्यों की सदस्यता रद्द कर देंगे। जहां फिर उपचुनाव होंगें, लेकिन 19 में से दो-तीन विधायक यदि गहलोत कैम्प में आ जायें या राहुल सचिन को फिर पटा लें तो उनकी बात भी झूठी साबित हो सकती है। हालांकि सोनिया-प्रियंका गुट राहुल गांधी की चलने नहीं देगा। अंत में डॉ. सुधांशु ने बताया कि जल्द ही वह इसके आगे की जानकारी साझा करेंगे।