– 14 मई को गहलोत ने दिए थे ये स्पष्ट आदेश..
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 मई को एक आदेश जारी कर कहा था कि प्रदेश में अब कोई भी मजदूर या श्रमिक सड़क पर पैदल नहीं चलेगा। इसके लिए वहां के एसडीएम को जिम्मेदार बताया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि कलक्टरों को उनकी मांग के अनुसार एमड़ी रोडवेज की बसें उपलब्ध कराएं। यदि इसके बावजूद एक भी श्रमिक सड़क पर पैदल चलता दिखा तो इसके लिए सीधे एसडीएम यानि उपखंड अधिकारी जिम्मेदार होगा। लेकिन ये आदेश भी कागजों तक सीमित होकर रह गए।
सोमवार को सीएम गहलोत ने एक टीवी चैनल पर दिए साक्षात्कार में कहा कि आज भी श्रमिक पैदल चलकर अपने घरों तक पहुंच रहे हैं। इस बयान ने सीएम के आदेश को कठघरे में खड़ा कर दिया है। क्या प्रशासन सीएम की बात नहीं मान रहा या फिर प्रशासन ये कर पाने में असफल हो रहा है? और यदि ऐसा है तो क्या सरकार इन जिम्मेदारों के खिलाफ कोई एक्शन लेगी? या ये गरीब मजदूर यूं ही सड़कों पर दम तोड़ते हुए अपने घरों तक पहुंचेंगे!
आजकल सीएम गहलोत बयानबाजी में केंद्र सरकार से भी एक कदम आगे चल रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले सीएम ने प्रदेश के विधायकों के साथ एक वीसी करी थी। जिसमें विधायक राजकुमार शर्मा ने गहलोत से श्रमिकों के सड़कों पर पैदल चलने का प्रश्न उठाया था। जिसको सुनकर गहलोत तिलमिला उठे थे। उन्होंने कहा कि ये आप किस प्रकार की बातें कर रहे हो..! प्रदेश सरकार ने श्रमिकों को ठहरने की और उनके खाने पीने की जगह जगह व्यवस्थाएं की हुई हैं। उन्हें रोडवेज बसों के माध्यम से उनके स्टेट के बॉर्डर तक छुड़वाया जा रहा है।