– सरपंच ने लिखा केंद्रीय मंत्री को पत्र
राजस्थान की राजधानी से महज 25 किमी. की दूरी पर बसे इस गांव में लोग बीते कई दिनों से सरकार की ओर से बांटे जा रहे राशन का इंतजार कर रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि यहां गरीब की परिभाषा को बदल दिया गया है। या फिर सरकार ने अपने नियमों को। करीब 100 से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जो कोरोना की इस घड़ी में जरूरतमंद हैं। साथ ही सरकार की ओर से जारी की हुई गाइड़लाइन को भी पूरा करते हैं। लेकिन इन्हें राशन नहीं दिया जा रहा। ऐसे में दहमी कलां के सरपंच ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर इस दुर्गम समय में मदद की गुहार लगाई है।
ये है मामला :
जानकारी के अनुसार दहमीकलां गांव बगरू विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पंचायत समिति में जो सरपंच है वह बीजेपी समर्थक बताया जा रहा है। जबकि स्थानीय विधायक सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी से है। ऐसे में पार्टी पॉलिटिक्स और वोट बैंक को लेकर ये गतिरोध सामने आ रहा है। लेकिन इस दलगत राजनीति में गरीब और मजदूर पिसता दिख रहा है।
स्थानीय सरपंच गणेशलाल कुमावत का कहना है कि सरकार यहां भेदभाव की राजनीति कर रही है। गांव में भाजपा समर्थक होने की वजह से सरकार इन गरीबों को राशन नहीं दे रही है। वहीं स्थानीय विधायक भी कांग्रेस पार्टी से हैं। इसलिए वह नहीं चाहतीं कि उनके विरोधी वोट बैंक को कोई लाभ पहुंचे।
ये हैं जरूरतमंद परिवार :
सरपंच की ओर से जारी की गई लिस्ट में करीब 150 लोगों के नाम हैं। इनमें से करीब 50 लोग बाहर के ऐसे हैं जो शहर एवं आसपास में मजदूरी का काम कर किया करते थे। लेकिन अभी उनके सामने भी रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए ऐसे लोगों को भी राशन की आवश्यकता है।
पहले भी लग चुके हैं आरोप :
हाल ही में कांग्रेस पार्टी के एक नेता का विडियो खूब चर्चा में रहा था। जिसमें राशन बांटते समय वह लोगों से पूछ रहे थे कि वह किस नेता को पसंद करते हैं। जब एक महिला ने मोदी का नाम लिया तो नेता ने दिया जलाने की सलाह दे डाली और बगैर राशन दिए आगे बढ़ गए।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बात की घोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से जब देने की बात कही थी। वहीं इससे पहले जयपुर के सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी भी सरकार पर वार्डों में अपने अपने लोगों को राशन देने का आरोप लगा चुके हैं।