मध्यप्रदेश के बाद सियासी मानसून अब राजस्थान पहुंच चुका है। हालांकि प्री-मानसून की बात करें तो वह राज्यसभा चुनावों में ही दस्तक दे चुका था, लेकिन उस वक्त सूखी आंधी आकर रह गई थी। इस बार सियासी मानसून सीटों से भरा हुआ बताया जा रहा है। मौसम मीडिया के अनुसार इस बार सत्ता पायलट की बारिश होना तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान की राजनीति में शनिवार को ही आंतरिक भूकंप के झटके लगने शुरू हो गए थे। जिसका केंद्र बिंदु रहा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का सरकारी बंगला। सूचना मिलते ही अनहोनी से बचने के लिए सीएम ने तुरंत कांग्रेसी विधायकों की एक मीटिंग बुलाई और प्रदेश की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाते हुए बॉर्डर सील करने के आदेश जारी कर दिए गए।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में पिछले काफी समय से अंतर्कलह की खबरें रुक—रुक कर आती रही हैं। मगर इन खबरों का अस्तित्व केवल सोशल जुबानी रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार विपक्ष की ओर से कुछ अलग ही रासायनिक का छिड़काव किया गया है। जो सत्ता परिवर्तन के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
बता दें कि हाल ही में एजओजी की ओर से सीएम अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के अलावा कई कांग्रेसी विधायकों को नोटिस दिया गया है। जिसमें उनसे बीजेपी की ओर से खरीद फरोख्त के मामले पर पूछताछ के लिए समय मांगा गया है। सुना है इस नोटिस को लेकर भी सचिन पायलट खासे नाराज दिखाई दिए हैं।