— बीजेपी झूठ का जनरेटर : प्रताप सिंह खाचरियावास
Rajasthan vidhan sabha: विधानसभा के पंचम सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को बहरोड़ विधायक बलजीत यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनियों एवं फैक्ट्री मालिकों ने कोरोना के दौरान कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया। जबकि इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी स्पष्ट रूप से बयान दिया था। देश में शायद ही कहीं इस बात पर अमल हुआ हो। इसी प्रकार उन्होंने सदन में स्कूल फीस, बिजली बिल और स्टूडेंट्स के किराएमाफी का मुद्दा उठाया।
बिजली-फीस-किरायामाफी का मुद्दा :
विधायक ने कहा कि बयानबाजी करने से न तो फीस माफ होगी और न ही कोई कंपनी/फैक्ट्री मालिक तनख्वाह देगा। इसके लिए सरकार को चाहिए कि इस संबंध में या तो कोई लिखित आदेश जारी करे या फिर सदन में बिल लेकर आए। गरीब, मजदूर, किसान का बेटा शहर में जैसे तैसे कोचिंग करने के लिए शहर में आ पाता है। इस लॉकडाउन में वह अपने घर पर चला गया। कमरे पर सामान रह गया। जब वापस आया तो मकान मालिक ने लॉकडाउन का भी किराया मांग लिया।
उन्होंने आगे कहा कि बच्चा एक भी दिन स्कूल नहीं गया और स्कूल संचालक लगातार फीस की मांग कर रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर गरीब-मजदूर के बच्चों का मजाक बनाया जा रहा है। नौकरी छूट गई, काम धंधा चौपट हो गया। फसल बर्बाद हो गई। ऐसे में बिजली का बिल आदमी कहां से भरे? सरकार से मांग करते हैं कि वह जनता का बिजली का बिल माफ करे।
राशन किट के वितरण पर लगे आरोप :
बीजेपी विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का कांग्रेसीकरण किया गया। राशन किट के वितरण को लेकर भेदभाव किया गया। विधायक ने कहा कि कोरोनाकाल में निष्पक्ष काम करने वाले अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया। इस पर शांति धारीवाल बीच में ही उठ खडे हुए। धारीवाल ने कहा कि बीजेपी के विधायकों ने जिन लोगों को राशन दिया जाए उनकी लिस्ट बनाकर दी थी। उन्हीं को राशन किट का वितरण किया गया।
बीजेपी झूठ का जनरेटर :
जब ये मुद्दा बढ़ता दिखा तो उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कोरोना के दौरान कोई काम नहीं किया। इस बात ने और तूल पकड़ा तो परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी को झूठ का जनरेटर कह दिया। कोरोना पर हुई बहस के दौरान सभापति राजेंद्र पारीक को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।