राजस्थान की राजनीति में चल रहा सियासी संग्राम का ये ऊंट आखिर गहलोत की करवट ही बैठ गया। वहीं 1 महीने तक चली इस उठापठक में बीजेपी खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे वाली स्थिति में आकर रह गई। बता दें पिछले एक महीने से सचिन पायलट अपने साथी विधायकों के साथ सरकार से नाराज होकर हरियाणा के मानेसर स्थित एक होटल में रह रहे थे। इस दौरान उनके बीजेपी ज्वॉइन करने एवं दूसरी पार्टी बना लेने के कयास भी लगाए गए। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बीजेपी का हाथ बताया था। कांग्रेस पार्टी की ओर से बीजेपी के तमाम नेताओं पर खरीद फरोख्त जैसे कई आरोप भी लगाए गए।
बता दें कि 14 अगस्त को विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट एवं उनके साथी विधायकों की नाराजगी को समझा और उनकी समस्या को कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी के समक्ष रखा। इस पर एआईसीसी की ओर से एक पत्र जारी किया गया। जिसमें 3 सदस्यीय कमेटी के माध्यम से मामले की जांच एवं निस्तारण का भरोसा दिया गया।
पहली बार सीएम आवास पहुंचे सचिन :
राजस्थान आने के बाद शुक्रवार को पहली बार सचिन पायलट मुख्यमंत्री के घर पहुंचे। जहां पार्टी के नए मुखिया ने सचिन पायलट को रिसीव किया। सीएम आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और केसी वेणुगोपाल की एक साझा तस्वीर भी देखी गई। इसको देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार कांग्रेस पार्टी और पायलट के बीच वेणुगोपाल सेतु बने हैं।
बता दें कि शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक भी हुई। जिसमें कांग्रेस के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एवं उनके साथी विधायक भी शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी की ओर से पॉजिटिव बातों पर ज्यादा फोकस रहा और विधानसभा सत्र की रणनीति पर चर्चा की गई। माहौल हंसी खुशी वाला रहा। सभी एक दूसरे के साथ इस तरह से मिलते नजर आए मानो कुंभ में खोया हुआ कोई वापस मिल गया हो।