लखनऊ. विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने शुक्रवार को अपने कोरोना के इलाज के दौरान 19 दिनों के अनुभव को साझा किया। जिसे सुनकर सब चौंक गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के अलावा अन्य किसी की भी पूछ नहीं हैं। बता दें कि लखनऊ-उन्नाव सीट से विधान परिषद के सदस्य साजन कुछ दिन पहले कोरोना पॉजिटिव आए थे। इलाज के लिए एसपीजीआई अस्पताल में भर्ती हुए।
साजन ने कहा कि 11वें दिन उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। इसके बाद उनका एक और टेस्ट किया गया। उसमें भी रिपोर्ट नेगेटिव निकली। मगर तीसरी बार जब सैंपल लिया तो पता चला कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। फिर कहा गया कि ठीक से पता नहीं चल पाया, इसलिए एक बार और टेस्ट करना होगा। दूसरी बार फिर टेस्ट हुआ, शाम को जब रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो पता चला कि उनके सैंपल का रैपर बदल गया।
शाम को फिर तीसरा टेस्ट किया गया, अगले दिन सुबह रिपोर्ट के बारे में पूछा तो बताया गया कि उनका सैंपल ही चेंज हो गया था। फिर से टेस्ट करना होगा। चौथी बार टेस्ट किया और उसकी रिपोर्ट के बारे में पूछा तो बताया कि उनका फॉर्म तो पहुंच गया मगर सैंपल यहीं रह गया था। जब 5वीं बार सैंपल दिया तो उन्हें हॉस्पीटल को ये लिखकर देना पड़ा कि वह अपना इलाज घर पर ही करा लेंगे। उन्हें यहां से छुट्टी दे दी जाए।
इस अनुभव के साथ उन्होंने कैबिनेट मंत्री दिवंगत चेतन चौहान के साथ हुए दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया। हालांकि अंत में उन्होंने अपने इस वक्तव्य के साथ ये भी कहा कि उत्तरप्रदेश के सभी डॉक्टर/स्टाफ ऐसे नहीं हैं। मगर जब एक विधानपरिषद सदस्य के साथ इस तरह का मजाक कोरोना की रिपोर्ट को लेकर हो सकता है तो आम आदमी का क्या होता होगा।