उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत CM Trivendra Singh Rawat ने मंगलवार को करीब 4 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे की खबर मिलते ही सियासी गलियारे में अब अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से रावत बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में चल रहे थे। जिसको लेकर सरकार में परिवर्तन की तमाम बातें हो रही थीं। जिनको लेकर आज विराम लग गया।
इनकी रिपोर्ट पर हटे सीएम रावत
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया। इस पर्यवेक्षक कमेटी के अध्यक्ष केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह हैं। बता दें कि पर्यवेक्षकों ने स्थानीय कोर ग्रुप और प्रमुख विधायक एवं सांसदों के साथ बातचीत की। जिसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई। इस रिपोर्ट में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति अच्छी नहीं होने की बात कही गई।
अब कौन होगा अगला मुख्यमंत्री?
उत्तराखंड की कमान अब किसके हाथ में जाएगी, इसका फैसला संभवतया कल यानी बुधवार को हो सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री के दावेदारों की बात करें तो यहां कई चेहरे सामने हैं। इनमें अनिल बलूनी का नाम सबसे पहले आता है। इनके अलावा अजय भट्ट और प्रदेश सरकार में मंत्री धन सिंह रावत को भी सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
जेपी नड्डा से भी मिले रावत
सोमवार को देर त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंचे थे। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नड्डा ने रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही थी। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद रावत मंगलवार दोपहर देहरादून पहुंचे। जहां दोपहर करीब 4 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचे और अपना इस्तीफा सौंप दिया।
एक भी सीएम कार्यकाल नहीं कर सका पूरा
उत्तराखंड में सीएम बनने के साथ ही उनके कार्यकाल को लेकर एक रोचक जानकारी ये भी है कि साल 2000 में प्रदेश का गठन हुआ था। तब से लेकर आज तक कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। रावत के कार्यकाल के अभी 4 साल पूरे होने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही इस्तीफा देना पड़ गया।