मिशन जय हिन्द को लेकर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बताया कि एक-दूसरे का हाथ पकड़कर देश को इस महासंकट से उबारने का नाम है मिशन जय हिंद। देश महासंकट में है। एक ओर कोरोना की मार, दूसरी ओर रोजी-रोटी का हाहाकार। ऊपर से चीन हमलावर। सरकारें पस्त हैं, हाथ खड़े कर चुकी हैं। पार्टियां व्यस्त हैं, संकट से लड़ने में नहीं, एक दूसरे से लड़ने में। जनता भगवान भरोसे है। ऐसे में किसी को तो खड़ा होना होगा जनता के साथ, जनता के मुद्दे उठाने के लिए। इसके लिए अब इन बेरहम सरकारों का और इंतजार नहीं कर सकते।
क्या करेगा मिशन जय हिंद?
यादव ने बताया कि धर्म के वास्ते लोग ‘कार सेवा’ करते हैं। वह राष्ट्र धर्म के लिए ‘सरोकार सेवा’ करेंगे। गांव-बस्ती जायेंगे, जनता की खबर देंगे, सरकारों की खबर लेंगे। इस मिशन के योगी और सहयोगी चुने हुए गांव और बस्ती में जायेंगे। गांव या बस्ती के लोगों को महामारी से निपटने एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी देंगे। धरातल पर यह जानेंगे कि महामारी, बेकारी और भूख की क्या स्थिति है। लोगों की समस्याओं की सूचना प्रशासन को देंगे और उन्हें हल करवाएंगे। रोजी रोटी के संकट का स्थानीय समाधान खोजेंगे।
इस मिशन में योगी और सहयोगी के माध्यम से राष्ट्र एवं समाज की सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं। इसमें सहयोगी बनने के लिए 100 दिन तक रोजाना 3 से 4 घंटे या सप्ताह में पूरे दो दिन देने होंगे। वहीं योगी बनने के लिए 100 दिन तक रोज कम से कम 8 घंटे या सप्ताह में 6 दिन देने होंगे। अगर ट्रेनिंग या कुछ अनुभव के बाद आप अपना समय घटाना या बढ़ाना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं।
प्रमाण पत्र दिया जाएगा :
इस सरोकार सेवा के पूरा होने पर आपको एक प्रमाण पत्र दिया जायेगा जो यह बताएगा की आपने कितने दिन या कितने घंटे यह सेवा की तथा आपने इसमें क्या काम किया और आपने इसके लिए क्या ट्रेनिंग ली।
7 सूत्रीय योजना :
इस मिशन के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों और बुद्धिजीवियों ने मिलकर 7 सूत्रीय एक योजना बनाई है। जिसे सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
- हर घर का स्वास्थ्य सर्वे कर कोरोना के हर मरीज की पहचान हो, फ्री टेस्ट हो, क्वारेंटाइन से वेंटीलेटर तक पूरा फ्री इलाज हो।
- दीपावली तक हर राशन कार्डधारी या जरूरतमंद व्यक्ति को हर महीने राशन में फ्री 10 किलो अन्न, 1.5 किलो दाल और 800 मिली तेल मिले।
- इस साल गांव में हर परिवार को मनरेगा में सालाना 200 (और शहर में हर व्यक्ति को 100) दिहाड़ी काम गारंटी के साथ मिले।
- हर जरूरतमंद परिवार को लॉक डाउन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एकमुश्त 10,000 रु मदद दी जाय।
- अनियमित छंटनी रोकी जाय, सैलरी रुकने या काम-धंधा बंद होने पर तत्काल सरकारी मदद मिले, किसान को फसल का पूरा दाम मिले।
- मंदी चलने तक सूदखोरी से मुक्ति हो, तीन महीने के लिए किसान, छोटे व्यापारी, MSME और हाउसिंग लोन पर ब्याज नहीं लगे।
- पैसे की कमी से यह योजना न रुके, जरुरत पड़े तो 100 करोड़ से ज्यादा संपत्ति और बड़ी कंपनियों पर विशेष टैक्स लगाया जाय।
राजनीति के लिए तो नहीं कर रहे?
अंत में यादव ने कहा कि इस मिशन से जुड़ने के लिए आपको उनकी पार्टी स्वराज इंडिया का सदस्य बनने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके लिए राजनीति का मतलब सिर्फ दूसरों की टांग खींचना और किसी तरह चुनाव जीतना नहीं है। हम विरोध से पहले विकल्प सोचते हैं। इस सरोकार सेवा में हम किसी भी पार्टी के व्यक्ति के साथ काम करने को तैयार हैं।