भरतपुर. आजकल फल एवं सब्जियों में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक अनौखा बदलाव दिखा भरतपुर के किसान उदयराम सैनी के खेत में। दरअसल हुआ यूं कि भरतपुर जिले की कामां तहसील के ईंदौली गांव का किसान उदय राम सैनी कई वर्षों से अपने खेत में अलग अलग तरह की फसलें करते आ रहा था। लेकिन हर साल घाटा ही हाथ लगता था। इसी के चलते वह काफी परेशानी में भी था।
इस बार उसने अपने खेत में कुछ अलग तरह की फसल बोने का मन बनाया। और लगभग एक बीघा खेत में उसने गाजर की खेती कर ली। हालांकि उसे कभी सपने भी पता नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है। कर्ज के डर से उसने दिन रात एक कर दी। जब गाजर खोदने यानि फसल लेने का समय आया तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं।
वो इसलिए क्योंकि अभी तक ऐसी गाजर की फसल उसके गांव में ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी किसी ने नहीं देखी। गाजर की औसतन लंबाई डेढ़ से दो फीट और स्वाद बेमिसाल। देखते ही देखते उदय राम के खेत में गाजरों को देखने के लिए ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। आसपास के लोग भी करीब 2 फीट लंबी गाजरों के बारे में जानने के लिए ईंदौली आने लगे हैं।
आलम ये हो गया है कि जैसे ही उदय राम की गाजर मंडी में बिकने के लिए जाती है तो खुद आढ़तिए कांटा लेकर तैयार मिलते हैं। कमाई की बात करें तो उदय राम अभी तक करीब सवा लाख रुपए की गाजर बेच चुका है। हालांकि अभी उसकी गाजरों की खुदाई जारी है।
आखिर गाजर की इस तरह ही पैदावार को लेकर उदय राम ने कुछ स्पष्ट रूप से बताया नहीं है कि उसने किस तरह के बीज का प्रयोग किया और किस प्रकार से उनकी देखभाल की।