जयपुर. राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के समर्थन में जयपुर में आयोजित जनसभा में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान इस समस्या से निजात दिलाने की घोषणा की थी और संसद में इस विषय पर चर्चा हो रही थी, उस दौरान मैंने भी विस्थापितों का दर्द लोकसभा में रखा। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जाता था और इन विस्थापितों के दर्द को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने मरहम लगाने का काम किया और नागरिकता संशोधन कानून लागू किया।
उन्होंने कहा कि विस्थापितों द्वारा हिंदुस्तान में आने पर भी उन्हें कष्ट झेलने पड़ते हैं और 7 साल बाद वह नागरिकता का आवेदन करने के लायक होता था। भारत में जो मुस्लिम रह रहे हैं वह सम्मान के साथ रह रहे हैं और बराबर का अधिकार दिया है। लेकिन घुसपैठियों और वैध दस्तावेजों से भारत में आए हैं, इन दोनों को एक नजर से बराबर देखने का काम भाजपा की सरकारें कभी नहीं करती है। लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते उन्हें वोट का अधिकार भी दे दिया गया और वो आज वहां के लोकतंत्र को प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश की सरकार कहती हैं कि नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं करेंगे, वो यह कहते हैं कि कलेक्टर के द्वारा नागरिकता दी जाएगी। कलेक्टर राज्य सरकार के अधीन काम कर रहे हैं, जब तक कलेक्टर को निर्देश नहीं करेंगे तब तक नागरिकता का सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह अधिकार कलेक्टर के पास नहीं, यह भारत सरकार के पास है। जिस दिन राजस्थान की सरकार रोकने का प्रयास करेगी इनकम टैक्स, कस्टम के अधिकारी को अधिकार दे देंगे कि ऐसे सारे लोगों को कैंप लगाकर उन्हें नागरिकता दी जाए तब कोई भी किसी हालत में नहीं रोक सकता है।