राजस्थान में इन दिनों समर्थन मूल्य पर सरसों सहित अन्य जिंसों की खरीद अनाज मंडियों में जारी है। लेकिन कोरोना के चलते राजस्थान की एक अनाज मंडी में खरीद के बाद का एक बड़ा घपला सामने आया है। जिसने राजस्थान की सभी मंडियों को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। जी हां, मामला राजस्थान के बहरोड़ का है और इस घोटाले का खुलासा यहां के विधायक खुद बलजीत यादव ने किया है। चलिए बताते हैं आपको कि आखिर पूरा मामला है क्या?
ये है मामला :
इस घटना को लेकर बहरोड विधायक बलजीत यादव ने विडियो के माध्यम से इसका खुलासा करते हुए बताया है कि यहां की मंडी में सरसों की खरीद में गड़बड़ी होने की सूचना उन्हें मिली थी। इसमें बताया गया कि खरीद के बाद सरकारी गोदाम के लिए भेजी जानी वाली सरसों के तौल में भारी मात्रा में गड़बड़ी की जा रही है। इस बात की जानकारी उन्होंने जिला कलक्टर सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को दी। विधायक ने मौके पर केवीएस पहुंचकर उन कट्टों की जांच करवाई जो कि सरकारी गोदाम में भेजने के लिए मापतौल के बाद तैयार रखे हुए थे।
विधायक ने पाया कि हरेक 5 कट्टों में करीब 4 की तौल गलत पाई गई। जिसे देख वहां मौजूद सभी लोग भौंचक्के रह गए। प्रत्येक कट्टे के भीतर औसतन 8 किलो सरसों कम भरी जा रही थी। विधायक ने बताया कि यहां करीब 6 हजार से भी ज्यादा सरसों के कट्टे हैं जो कि सरकारी गोदाम में जाने थे। फिलहाल इन सभी की तुलाई दोबारा से करवाई जाएगी।
सरकार को बड़ी चपत :
इस प्रकार की गड़बड़ी के चलते सरकार को भारी चपत लगने जा रही थी। हालांकि किसान से सही तौल पर सरसों खरीदी जा रही थी, लेकिन वहां से खरीद के बाद जब सरकारी गोदाम में इसे रखने के लिए भेजा जा रहा था। उस वक्त कट्टों में सरसों का तौल कम करके लोड़ किया जा रहा था। और इस बचाई हुई सरसों को बाजार में बेचकर घोटालेबाज मुनाफा कमाते। बाद में इसका यही निष्कर्ष निकलकर सामने आता कि गोदाम में रखी हुई सरसों में तौल की कमी, सूखने के कारण पाई गई।
यहां देखें पूरा विडियो :
जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई :
फिलहाल जिम्मेदारों ने बड़ी साफगोई के साथ यह कहते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया कि तुलाई का यह कार्य प्राइवेट ठेके के माध्यम से करवाया जा रहा था। इसलिए उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वहीं विधायक ने मुख्यमंत्री गहलोत से इस संबंध में बात कर जिम्मेदारों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग करने की बात कही है।
मूंग में भी हो चुका है घोटाला :
राजस्थान में इससे पहले जालोर के अंदर भी मूंग घोटाला सामने आया था। उस घोटाले को भी विधायक बलजीत यादव ने ही उजागर किया था और विधानसभा के भीतर घोटाला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की थी। जिसमें कई अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड भी हुए। यहां भी ट्रांसपोर्टर्स की मिलीभगत से बढ़िया मूंग को निकालकर बाजार में अच्छे दामों पर बेच दिया गया और उसकी जगह पर कट्टों में घटिया मूंग खरीदकर वेयरहाउसों में जमा कर दी गई।