पतंगबाजी का नाम आते ही जेहन में बस चाइनीज मांझे का ही ख्याल आता है। राजस्थान में पिछले कुछ सालों में चाइनीज मांझे ने कई लोगों की जीवन लीला समाप्त कर दी। इसी से बचने के लिए राजस्थान सरकार ने स्कूल—कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। जिसके अन्तर्गत स्टूडेंट्स को पतंगबाजी में चायनीज मांझे के उपयोग से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया जाएगा।
इसी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे बेचने और स्टॉक करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों ही जयपुर में चाइनीज मांझे की चपेट में आने से एक बच्चे की गर्दन कट गई थी। जिसके बाद पुलिस ने चांदी की टकसाल से एक व्यापारी को चाइनीज मांझे के साथ गिरफ्तार किया था।
जानकारी के अनुसार यह व्यापारी चाइनीज मांझे की 50-50 मी. की गट्ठियां बनाकर बेच रहा था। जिसे पुलिस की बोगस टीम ने ग्राहक बनकर पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली से ट्रांसपोर्ट के जरिए माल मंगवाता और जयपुर सहित प्रदेश में कई जगह सप्लाई करता था।
गहलोत के निर्देश के बाद राज्य में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर चाइनीज मांझा बेचने और स्टॉक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
इसलिए चुनते हैं जानलेवा मांझा :
चाइनीज मांझा डोर से बने मांझे से मजबूत होता है और आसमान का किंग माना जाता है। किसी भी तरह से अपनी पतंग न कटे इसके लिए लोग इस मांझे को पसंद करते हैं। लेकिन यह मांझा आसमान से जब जमीन पर आता है तो इतना खतरनाक होता है कि इससे इन्सान के साथ बेजुवान पशु पक्षियों की भी खाल कट जाती है। और यह जानलेवा हो जाता है। यह मांझा प्लास्टिक से बनता है और इसी के साथ इस पर लोहे का बुरादा लगा होता है। यदि यह किसी बिजली के तार को छू जाए तो करंट भी लग जाता है।
पहले पसंद था बरेली का मांझा :
पतंगबाजी में पिछले कई सालों से बरेली का मांझा लोगों की पसंद था। यह मांझा अलग-अलग रंगों की डोर से बनाए गए माझें पर बारीक कांच लगा कर तैयार किया होता है। जिससे चानीज मांझे की तरह नुकसान नहीं होता।