– ‘देर आए दुरुस्त आए’ कहने का समय अब निकल चुका..
राजस्थान. सरकार चाहती तो यह काम पहले दिन से ही कर सकती थी। मगर उस वक्त सरकार को मजदूरों का वह दर्द शायद समझ नहीं आ रहा था। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। सरकार ने गुरुवार देर रात प्रदेश के सभी संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी कर कहा है कि उनके क्षेत्र में कोई भी मजदूर सड़क पर पैदल न चले। यह आदेश उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने जारी किए हैं। दो दिन पहले ही आईएएस नीरज के पवन ने श्रमिकों जहां हैं वहीं रुकने की अपील की थी और भरोसा दिलाया था कि उन्हें सरकार की तरफ से व्यवस्था कर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।
आदेश में लिखा गया है कि सर्वप्रथम सड़क पर चलते हुए मजदूरों को पुलिस रोककर उन्हें भरोसे के साथ नजदीकि कैंप में ले जाकर छोड़े। जहां कलक्टर स्वयं लॉकडाउन 3.0 के इन कैंपों में सुरक्षा और सुविधाओं का जायजा लें। यहां ठीक से मजदूरों के रहने, खाने-पीने के साथ ही टॉयलेट आदि की समुचित व्यवस्था है या नहीं यह सुनिश्चित करें।
इसके बाद सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें अपने जिले से प्रदेश की सीमा तक छोड़ने की व्यवस्था भी करें। यदि राज्य का बॉर्डर जिले से नजदीक है तो रोडवेज की बसों के माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखते हुए उनके गंतव्य तक पहुंचाएं। यदि यह दूरी 500 किमी से अधिक पड़ती है तो उनकी लिस्ट बनाकर परिवहन आयुक्त आईएएस नवीन जैन से संपर्क कर उन्हें ट्रेन के माध्यम से उनके राज्य के बॉर्डर की सीमा तक पहुंचाया जाए।
सभी जिला कलक्टर अपने यहां स्थापित किए गए लॉकडाउन कैंप का प्रभारी सहित संपूर्ण ब्यौरा 15 मई तक covidpravasiraj@gmail.com की मेल आईडी पर दोपहर 2 बजे तक आवश्यक तौर पर भिजवाएं।