पढ़ाई के बोझ के साथ-साथ बच्चों पर स्कूल के बस्ते का भी बड़ा भारी बोझ होता है। फिलहाल पढ़ाई के बोझ का तो पता नहीं लेकिन हां, स्कूल बैग का बोझ जरूर कम होने जा रहा है। राजस्थान के शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की मानें तो उनका कहना है कि राजस्थान भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां पर बस्ते के बोझ को कम करने की पहल की गई है।
इसके पहले राज्य के 33 जिलों के एक-एक स्कूल में जहां इसे लागू किया गया। वहां जिस तरह के परिणाम देखने को मिले, वह सराहनीय रहे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब सरकार का ये प्रयास है कि कक्षा एक से पांच तक 65 हजार विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करना पूरी तरह से लागू हो। मंत्री ने कहा कि झुंझुनू जिले को इनोवेशन हब फाॅर एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि झुंझुनूं को भारत में ‘पीआईएसए’ के लिए तैयार रहने वाला पहला जिला बनाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने मॉडल के रूप में रखा है।
ये रहेगा बस्ते का वजन :
कक्षा एक के लिए — 400 ग्राम
कक्षा दो के लिए — 300 ग्राम
कक्षा तीन,चार और पांच के लिए — 500 ग्राम बस्ते का वजन निर्धारित होगा।