कोटा. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला अभी भी नहीं थम रहा है। सरकार इस बारे में कितनी सजग है इस बात का अंदाजा आप बच्चों की अब तक हुई मौतों से लगा सकते हैं। वहीं विपक्ष को भी जागने में काफी वक्त लग गया। महीनेभर बाद अपनी ताजपोशी कराकर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने जेके लोन हाॅस्पिटल में बच्चों के हालात जाने।
आपको बता दें कि पिछले एक माह में यहां 77 बच्चों की मौत हो चुकी है और 10 बच्चों की मौत पिछले 48 घंटे में ही हो गई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. पूनियां ने अस्पताल का दौरा कर चिकित्सक, नर्सिंग कर्मियों व मरीजों के परिजनों से बातचीत कर जानकारी प्राप्त की। भाजपा जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं से इस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा कर तथ्यात्मक जानकारी ली।
प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने बच्चों की मौत को दु:खद एवं पीड़ादायक बताया और कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पैदल मार्च निकालने में बहुत व्यस्त हैं। पैदल मार्च से थोड़ी फुर्सत मिल जाती है, तो दिल्ली दरबार में उनके लिए हाजिरी जरूरी है। उन्हें प्रदेश की जनता की कोई चिंता नहीं है। सरकार सड़क पर आने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं कर रही, इसीलिए यह मौतों का आंकड़ा बढ़ गया। मुख्यमंत्री जी को चिंता होती तो वह इसे कम कर सकते या मौतों का सिलसिला रोक सकते थे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि सभी के लिए चैंकाने वाली वह आश्चर्यजनक बात है कि सरकार के किसी नुमाइंदे ने इस घटना पर विजिट भी नहीं की। इस संबंध में हमने तय किया है कि इस मामले की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट सामने आनी चाहिए। इसलिए पूर्व चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ और कालीचरण सर्राफ को इस मामले की जांच सौंपी जा रही है और इनके साथ कुछ विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो एक-एक बिंदुवार जानकारी करके रिपोर्ट देंगे। ताकि एक-एक बिंदु पर विचार करके प्रतिपक्ष के नाते हम सरकार को जगाने का काम करें।
मुख्यमंत्री का बयान शर्मनाक :
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान कि अस्पतालों में तो बच्चों की मौतें होती रहती हैं, ये किसी भी प्रदेश के मुखिया को शोभा नहीं देता है। यह बयान बहुत ही शर्मनाक है। डाॅ. पूनियां ने कहा कि जनता व दूसरों के बच्चों की मौत पर इस तरह का बयान वाकई निंदनीय है। जिन माता-पिता ने अपने बच्चे खोए हैं, उनके लिए यह वक्तव्य पीड़ादायक होगा।