स्कूल फीस मामले में एक बार फिर से नया मोड आ गया है। 7 सितंबर को राजस्थान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने स्कूल संचालकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अभिभावकों से 70 फीसदी तक ट्यूशन फीस वसूलने के आदेश जारी कर दिए थे। जिसको लेकर संयुक्त अभिभावक समिति ने राजस्थान हाईकोर्ट की डिविजनल बैंच में एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। जिस पर गुरुवार को डिविजनल बैंच ने सुनवाई करते हुए फिलहाल इस मामले में स्टे लगा दिया है।
संयुक्त अभिभावक समिति ओर से केस लड़ रहे अधिवक्ता अमित छंगाणी ने बताया कि हाईकोर्ट की एकल बैंच में अभिभावकों को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिल पाया था। ऐसे में डिविजनल बैंच में याचिका दायर की गई। आज सुनवाई के दौरान स्कूल फीस मुद्दे पर राजस्थान हाईकोर्ट की डिविजनल बैंच ने एकल पीठ के आदेश पर स्टे लगा दिया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होनी है।
राजस्थान हाईकोर्ट की डिविजनल बैंच के इस फैसले से अभिभावकों को बहुत बड़ी राहत मिली है। अभिभावक समिति सदस्यों का कहना है कि जब बच्चे स्कूल गए ही नहीं तो फिर 70 फीसदी फीस किस बात की। स्कूल प्रबंधन लंबे समय से स्कूलों का संचालन करते आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के इस कार्यकाल में उनका भी फर्ज बनता है कि वह अपने स्कूल के बच्चों के परिवारों का ध्यान रखें, उनका सहयोग करें।