जयपुर. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एआईपीसी AIPC राजस्थान और स्टार फाउंडेशन की ओर से ‘इंस्पायरिंग वूमन’ कार्यक्रम का आयोजन किया।जिसमें प्रदेशभर की महिला अचीवर्स को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश एवं दिल्ली कांग्रेस की लीडर अलका लांबा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। इनके अलावा अरविंद मायाराम, वैभव गहलोत, मनेशा ए. अग्रवाल, भावना जगवानी, स्वाति वशिष्ठ, अनिला कोठारी और संगीता बेनीवाल भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जिनके हाथों महिला अचीवर्स का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर ममता भूपेश ने कहा कि ‘हमें इन महिला अचीवर्स पर गर्व है जो हमारे देश को और विकसित करने में अपना योगदान दे रही हैं। वर्तमान सरकार का यह लगातार प्रयास रहा है कि ऐसी योजनाएं और नीतियां लाई जायें, जिससे प्रदेश की महिलाओं को बेहतर अवसर मिलें।’ इसके साथ ही मंत्री भूपेश ने प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह जैसी कुरीतियों से समाज को मुक्त करने की बात भी कही।
इन्हें मिला सम्मान
रश्मि डिकिंसन, वृंदा शर्मा, सुमन सिंह, डॉ. रीमा गोयल, डॉ. अनीता शर्मा, गुलाबो सपेरा, सुब्रत प्रहर, संतोष देवी खेदार, ऐश्वर्या सांखला, डॉ. मौसमी देबनाथ, गुलाबी ग्रुप, निशात हुसैन, साइमा सैय्यद, लता कच्छवाहा, रक्षिता, समीना खान, दीपिका शर्मा, मंजू देवी, भावना जगवानी, नुपुर बोरडिया, निशा जैन ग्रोवर, अंजू जैन, प्रेम देवी शर्मा, पूजा बिश्नोई को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
अलका लांबा ने कहा –
अलका लांबा ने एआईपीसी की इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि ‘ये महिलाएं बहुतों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं जो कि प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम रोल अदा कर रही हैं। इस अवसर पर लांबा ने महिलाओं को लीडरशिप रोल्स की तरफ बढ़ावा देने के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण लाने की बात कही।
रूक्ष्मणी कुमारी बोलीं –
एआईपीसी राजस्थान की अध्यक्ष रूक्ष्मणी कुमारी ने कहा कि हम एक ऐसे दशक में कदम रख चुके हैं जिसमें वूमन एम्पॉवरमेंट की नई लहर दौड़ेगी। महिलाएं ज्यादा से ज्यादा सी.ई.ओ. एवं लीडरशिप रोल में दिखेंगी, क्योंकि महिलाओं ने अब अपनी बढ़ोतरी का बीड़ा खुद उठा लिया है। जरूरी है इस परिवर्तन का हम मिलकर हिस्सा बनें।
राजीव अरोड़ा बोले
ए.आई.पी.सी. के नेशनल ट्रेजर राजीव अरोड़ा ने कहा कि ये सभी महिला अचीवर्स जिन्हें सम्मानित किया गया है, यह भारत की ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक इन महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों से सिद्ध होता है कि अगर देश और दुनिया की बागडोर महिलाओं को सौंपी जाए तो प्रगति निश्चित है। एआईपीसी का निरंतर प्रयास है कि महिला प्रोफेशनल्स को देशभर में प्रेरित किया जाये।