कोरोना महामारी के इस दौर में राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री के हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं। पिछले 3 महीने से फिल्मों एवं एडफिल्मों की शूटिंग्स पर बैन लगा हुआ है। ऐसे में इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के घर भी अब रोजी रोटी का संकट पैदा हो चला है। शनिवार को राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े डायरेक्टर एवं एक्टर्स ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी इस पीड़ा को बयां किया। उधर कला एवं संस्कृति विभाग का ‘अपनी ढपली-अपना राग’ वाला किस्सा चल रहा है। सरकार ने विभाग के माध्यम से गांधी के 150वीं जयंती के कार्यक्रमों को एक साल तक और बढ़ा दिया गया है।
राजस्थानी फिल्म इंडस्ट्री के डायरेक्टर विपिन तिवारी ने इंडस्ट्री के हालातों पर चर्चा करते हुए बताया कि कोरोना के कारण इस समय देश दुनिया की स्थिति खराब है। लेकिन राजस्थानी इंडस्ट्री का हाल और भी बुरा है। एक फिल्म के माध्यम से करीब 100 लोगों को रोजगार मिलता था। जो कि पिछले 3 महीने से बंद पड़ा हुआ है। हालात ये बन चुके हैं कि उनके घर में रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है।
परिवार पालना भारी :
वहीं कॉमेड़ी एक्टर पन्या सैपट ने भी कहा कि हम सभी स्वाभिमानी लोग हैं और मेहनत करके घर चलाने पर विश्वास करते हैं। हमारा दिल ही जानता है कि कैसे इस समय अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। सरकार चाहे तो हमें भी दो रोटी का काम दे सकती है। सरकार हमारी माईबाप है और हम उसकी प्रजा। उन्होंने पहले के समय का जिक्र करते हुए कहा कि कलाकार राजा महाराजाओं के दरबार में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया करते थे। उसके बदले में उन्हें राजा इनाम के तौर पर कई चीजें दिया करते थे। आज के समय में सरकार एक राजा की भूमिका में होती है। इस नाते उसका फर्ज बनता है कि वह अपनी प्रजा का ख्याल रखे।
इंडस्ट्री का बुरा हाल :
सिनेमा के स्टार श्रवण सागर ने कहा कि आज जो हालात राजस्थानी सिनेमा के हैं, दुनिया में वैसे किसी के नहीं हैं। राजस्थानी के नाम पर दुनिया करोड़ों की कमाई करके ले जाती है और राजस्थान के कलाकार आज दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज बने बैठे हैं। सभी जानते हैं कि ये इंडस्ट्री पहले से ही दयनीय हालत में थी। अब रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी। सरकार के समक्ष इस संबंध में पहले भी बात रखी जा चुकी है, लेकिन कोई भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दी।
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कलाकार का काम जागरूकता फैलाना :
सागर ने कहा कि कलाकार का काम ही यही होता है कि वह समाज में जागरूकता लेकर आए। सरकार की ओर से पिछले 21 जून से कोरोना को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यदि सरकार चाहती तो इसमें राजस्थान के कलाकारों को काम दे सकती थी। और वो इस काम को बखूबी निभाते क्योंकि फिल्मों के माध्यम से उनकी फैन फॉलोइंग पहले से ही बनी हुई है। स्वाभाविक है कि लोग उन्हें सुनने के लिए आते।