प्रकाश पालीवाल/राजसमंद. नाथद्वारा स्थित विश्व प्रसिद्ध वैष्णव संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी, नवनीत प्रियाजी के साथ अन्य मंदिरों में कोरोना वायरस के चलते आज यानि मंगलवार से दर्शन करने वाले बाहरी दर्शनार्थियों के प्रवेश पर 31 मार्च तक रोक लगा दी गई है। हालांकि मंदिर में ठाकुरजी की सेवा जारी रहेगी, उसमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह जानकारी श्रीनाथजी मंदिर के तिलकायत गोस्वामी राकेश महाराज ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुए दी। तिलकायत के इस आदेश से बाहर से आए दर्शनार्थी, वैष्णवजन अपने-अपने शहर की ओर निकल पड़े। शाम होते-होते नाथद्वारा के बाजारों में सन्नटा पसरने लग गया। श्रीनाथजी के दर्शन करने वालों में देश-विदेश से हर रोज हजारों की संख्या में वैष्णवजन दर्शन करने आते हैं। इनमें ज्यादातर संख्या गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आने वालों की है।
श्रीनाथजी में हर रोज अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्वरूप में 6 से 7 दर्शन होते हैं जो वैष्णवों का मनमोह लेते हैं। इन दर्शनों में सुबह के चार दर्शन मुख्य हैं।
इसी के साथ 300 साल पुराना इतिहास टूट गया :
नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में 300 साल के इतिहास में पहली बार बाहरी दर्शनार्थियों के लिये दर्शन पर रोक लगाई गई है। बताया जाता है कि श्रीनाथजी को भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप माना जाता है। करीब 300 साल पहले मथुरा से श्रीनाथजी नाथद्वारा पधारे थे। तब से ठाकुरजी की दर्शन परम्परा बंद नहीं हुई थी।
मगर कोरोना वायरस की वजह से पहली बार दर्शनों पर रोक लगाई गई है। श्रीनाथजी के बाहरी दर्शनों पर रोक के बाद नाथद्वारा के बाजारों से रौनक गायब सी हो गई है। बाजारों में सन्नाटा पसर गया है। वहीं 100 से भी ज्यादा होटल रेस्टोरेंट खाली नजर आ रहे हैं।