जयपुर. आज ही के दिन यानि 8 जनवरी को वर्ष 1947 में प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी की नींंव रखी गई और नाम रखा गया ‘राजपूताना विश्वविद्यालय।’ यही यूनिवर्सिटी आगे चलकर ‘राजस्थान यूनिवर्सिटी’ बनी। 74 सालों के भीतर इस यूनिवर्सिटी ने कई तरह के उतार चढ़ाव देखे। कई मौके ऐसे आए जब देश ही नहीं वरन् विदेशों में भी यूनिवर्सिटी ने अपनी धाक जमाई। यहां से न जाने कितनों की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़कर निकले जिन्होंने देश विदेश में कई प्रकार की ख्यातियों को प्राप्त किया। लेकिन अपने 74वें स्थापना दिवस पर ये यूनिवर्सिटी कुछ फीकी सी दिखाई दी।
कारणों की बात करें तो इसके पीछे राज्यपाल कलराज मिश्र के न आने के की बात सामने आई। उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी को यह कहते हुए सुना गया कि हमने कार्यक्रम तय किया था लेकिन उसमें किसी कारणवश राज्यपाल महोदय के उपस्थित न हो पाने की वजह से उसे केंसिल करना पड़ा। वहीं यूनिवर्सिटी के कुलपति आर.के. कोठारी के अनुसार राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री की व्यस्तता के चलते किसी प्रकार के बड़े सेलिब्रेशन का न होना बताया गया।
इस पर ज्यादातर छात्र मायूस दिखे। उनका कहना था कि यह एक ऐतिहासिक और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ सभी स्टूडेंट्स के लिए बेहद खास दिन था। जो सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी के कारण निरस्त हो गया।
स्थापना दिवस किसी भी संस्थान के लिए एक खास दिन होता है और ऐसे खास अवसरों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। कारण भले कुछ भी रहे हों मगर इसे एक लापरवाही के तौर पर देखा जाना चाहिए। साथ ही भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए।
— कुलदीप सिंह बैंसला, पूर्व छात्र नेता।
इस प्रकार के आयोजन रोके नहीं जाने चाहिए। यह बड़े ही हर्ष का विषय है और हमें गर्व है कि हमें ऐसे विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला है।
— मनु दाधीच, छात्र नेता आरयू।
यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ ही नवनिर्वाचित छात्रसंघ को इस संबंध में ध्यान देना चाहिए था। जहां अपने कार्यालयों के उद्धाटन में इतनी धूमधाम करते हैं वहीं जिस विश्वविद्यालय में आप छात्रसंघ पदाधिकारी के रूप में चुने गए हैं तो आपकी एक जिम्मेदारी होनी चाहिए। आज का दिन सभी के लिए गर्व और हर्ष का विषय है।
— लोकेंद्र सिंह रायथलिया, छात्र नेता आरयू।
हमें बड़ी उम्मीद थी कि शायद आज के दिन कोई बड़ा कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के अंदर देखने को मिलेगा। मगर हमें जब सूचनाएं मिलीं कि कार्यक्रम किन्हीं कारणों से रद्द हो गया है तो काफी निराशा हुई। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
— सपना चौहान, महारानी कॉलेज।