राजस्थान में कोरोना महामारी के बीच लंबे समय से बंद स्कूल कल से री-ओपन होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार इस संबंध में पहले ही अनलॉक-4 के तहत 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ स्कूल एवं कॉलेजों को खोलने की बात कह चुकी है। वहीं गृह विभाग की ओर से इस संबंध में शनिवार को एक गाइडलाइन जारी की गई। जिसमें कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को स्कूल जाने की छूट दी गई है। इसमें छात्र अपनी मर्जी से स्कूल जा सकेंगे। इस दौरान स्कूल प्रबंधन छात्रों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकेगा। साथ ही स्कूल जाते वक्त छात्रों को पेरेंट्स से लिखित में अनुमति प्राप्त करनी होगी। ये गाइडलाइन 30 सितंबर तक प्रभावी रहेगी।
नियमित कक्षाओं पर रहेगी रोक :
कल से स्कूल भले ही री-ओपन हो रहे हों मगर स्कूल में नियमित रूप से कक्षाएं लगाने पर अभी रोक लगी हुई है। इस दौरान स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान एवं अन्य सभी तरह के कोचिंग संस्थान भी 30 सितंबर तक नियमित क्लास नहीं ले सकेंगे। यदि छात्रों को किसी विषय से संबंधित कोई चैप्टर समझ नहीं आ रहा है तो इसके लिए वह अपने शिक्षकों का मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए स्कूल आ सकते हैं। इस दौरान स्कूल में आने से पहले अभिभावकों की लिखित में परमिशन दिखानी होगी। उसके बाद स्कूल के गेट पर थर्मल स्कैनिंग एवं सेनेटाइज के बाद ही स्कूल में अंदर प्रवेश दिया जाएगा।
इन छात्रों को नहीं होगी अनुमति :
कक्षा में भी छात्रों एवं टीचर्स के बीच में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का विशेष ध्यान रखना होगा। इस दौरान स्कूल में प्रार्थना सभा पर भी रोक लगाई गई है। साथ ही गेम्स एक्टिविटीज पर भी रोक लगाई गई है। स्कूल में छात्र सामूहिक रूप से एकत्रित न हों, इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा। किसी भी छात्र को खांसी, जुकाम एवं बुखार आदि के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें स्कूल न जानें दें। यदि स्कूल में किसी छात्र को इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत स्कूल प्रबंधन को इसकी सूचना दें।
इन स्थानों पर रहेगी रोक :
प्रदेश में कहीं भी कंटेनमेंट जोन के अंदर आने वाले स्कूल कॉलेज एवं अन्य किसी भी शिक्षण संस्थान को खोलने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही एसओपी में स्पष्ट रूप से इस बात को कहा गया है कि छात्र अपनी मर्जी से ही स्कूल आ सकेंगे। स्कूल प्रबंधन की ओर से किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाए। वहीं छात्र नियमित पढ़ाई की जगह मार्गदर्शन के हिसाब से ही स्कूल जा सकेंगे। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।