राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को आरटीओ-डीटीओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करी। जिसका एक फोटो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर भी ड़ाल दिया। इसके साथ ही पोस्ट में वो 3 लाइनें भी लिखी गईं जिन्हें पढ़कर लोगों के अंदर का गुबार फूट पड़ा और फिर सिलसिला शुरू हुआ लोगों के साथ घटित हो चुके उस अनुभव का। तो चलिए अब बात करते हैं उन 3 लाइनों की जो उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उस फोटो के साथ शेयर की थीं।
‘इस मीटिंग में मंत्री ने अधिकारियों को खासतौर पर निर्देश देते हुए कहा कि अब सड़कों पर इंस्पेक्टर राज नजर नहीं आना चाहिए। राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति को व्यावहारिकता एवं मानवीय तरीके से पूरा किया जाए।’
इसके बाद कमेंट्स में लोगों ने अपने एक्सपीरियंस को लिखना शुरू किया। जिसमें कई पीड़ित लोगों ने सबूत तक दे डाले तो कई लोगों ने वीडियोज के माध्यम से मंत्री जी तक हकीकत पहुंचाने की कोशिश की। इसमें राम लाल रामसा नाम के एक व्यक्ति ने लिखा कि एंट्री नहीं देने पर उनकी गाड़ी का टायर एंगल से फाड़ दिया। यह दादागिरी है राजस्थान में आरटीओ की, प्लीज खाचरियावास जी कुछ एक्शन लीजिए।
इधर मंत्री जी अधिकारियों को मानवीयता का पाठ पढ़ा रहे थे उधर चित्तौड़गढ़ में ट्रक चालकों ने आरटीओ की दादागिरी से परेशान होकर रोड को जाम कर दिया था। कमेंट्स में लोगों ने इसका वीडियो भी ड़ाला और बताया कि किस तरह से चित्तौड़गढ़ में जम्मू कश्मीर से आ रही फलों की गाडियों के 20-20 हजार का चालान किया जा रहा है। जबकि इनमें ज्यादातर गाडियां अंडरहाइट में हैं। इनमें से एक गाड़ी का तो 5000 रुपए का चालान कर भी दिया था।
इतना ही नहीं लियाकत अली नाम के एक शख्स ने तो यहां तक लिख दिया कि पूरे हिंदुस्तान में सबसे बेकार और बदमाश आरटीओ राजस्थान में हैं। वहीं एचके बावरा नाम के व्यक्ति ने लिखा कि जयपुर से लेकर चूरू तक 6 हजार रुपए लगते हैं। यदि नहीं दिए तो आरटीओ बोलते हैं कि गाड़ी में जितने पुर्जे लगे हैं, उतने ही चालान हो सकते हैं।