प्रदेश में सैकड़ों किसानों के आवेदन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पहले से ही अटके हुए हैं। इनमें से कुछ के आवेदन दोहरे दस्तावेजों के कारण अटके हुए हैं। वहीं अब कुछ राज्यों में इस आवेदन के तहत गलत
तरीके से पैसा उठाने का मामला भी सामने आया है। जिनसे अब इस पैसे की वसूली की जा रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से इस विषय में एक रिपोर्ट भी जारी की गई है।
आपको बता दें कि सरकार के एक आंकड़े के अनुसार इस योजना के तहत राज्य के सभी जिलों से करीब 66 लाख 76 हजार किसानों ने आवेदन किया था। जिनमें से करीब 2 लाख 634 हजार आवेदन निरस्त कर दिए गए। वहीं आधार सत्यापन न होने के कारण भी सैकड़ों आवेदन अटके हुए हैं। दूसरी ओर योजना का गलत तरीके से फायदा लेने वालों के खिलाफ भी सरकारी कार्यवाही की जा रही है। जिसमें उन्हें दी गई राशि वापस ली जा रही है।
सबसे ज्यादा मामले इन प्रदेशों के :
योजना के जिस राज्य से सबसे ज्यादा किसानों से पैसे वापस लिए गए वह उत्तर प्रदेश है। यहां 86 हजार 314 लोगों से स्कीम के तहत आवंटित पैसा वापस लिया गया। इसमें दूसरा नंबर महाराष्ट्र का है, जहां से 32 हजार
897 किसानों से निधि का पैसा वापस लिया है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में 346, हरियाणा के 55, उत्तराखंड के 78, जम्मू और कश्मीर के 29, झारखंड के 22 तो असम के सिर्फ दो लोगों से स्कीम की राशि वापस ली गई।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को शुरू हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। इस योजना के तहत किसानों को एक साल में कुल छह हजार रुपए की राशि खाते के माध्यम से दी जाती है। साल में दो-दो हजार
रुपए की कुल तीन किश्तों के जरिए किसानों को लाभ पहुंचाया जाता है।
इस योजना से देशभर के करीब 14 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना के लिए करीब 87 हजार करोड़ रुपए आवंटित भी किए गए। जिस राशि में से अक्टूबर तक सिर्फ 37 फीसदी राशि ही खर्च की गई। जिसका फायदा अब तक करीब 8.44 करोड़ किसानों को मिल चुका है।