दौसा. आज पुलिस की लापरवाही का एक जोरदार किस्सा बताते हैं आपको। हुआ यूं कि 18 साल का एक युवक प्रेम प्रकाश सैनी 13 अक्टूबर को घर से गायब हो गया। परिजनों ने घटना के तुरंत बाद रिपोर्ट इसलिए दर्ज नहीं करवाई, कि क्या पता वो ऐसे ही कहीं निकल गया हो। लेकिन जब इस बात को एक हफ्ता होने को आया तो परिजनों ने 9वें दिन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। ये मामला है बांदीकुई के उंनबड़ा गांव का। गौर करने वाली बात है कि पुलिस को 13 अक्टूबर की रात एक युवक का शव रेल्वे ट्रेक पर मिलता है। शिनाख्त न होने कारण शव तीन दिन से राजकीय अस्पताल के मुर्दाघर में रखा रहा। बाद में पुलिस ने शव को लावारिस मानकर दाह संस्कार कर दिया।
मजेदार बात है कि युवक के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद बाकायदा पुलिस ने अपना काम भी शुरू कर दिया, लेकिन यह देखना भूल गई कि उसका तो वह खुद ही दाह संस्कार कर चुकी है। पुलिस ने युवक के बारे में पता करने आए परिजनों को जब 6 दिसंबर के दिन फोटो दिखाई तो परिजन उसे पहचान गए। तब कहीं जाकर मामले का खुलासा हुआ। ये याद आने में पुलिस को करीब डेढ़ महीने का वक्त लग गया।
तब तक परिजनों के आंसू सूखे नहीं थे। जैसे ही यह पता लगा तो गांव के महिला व पुरुष बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए। मौके पर पहुंचे बड़े अधिकारियों को जब इस बात से अवगत कराया कि रिपोर्ट दर्ज करने के समय उन्हें लावारिस युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। साथ ही परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के साथ-साथ युवक की हत्या की आशंका भी जताई। इसके जबाव में अधिकारियों ने परिजनों को 10 दिन में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया।