हर साल हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस पर ये पुरस्कार दिए जाते हैं। इस अवसर पर खेल मंत्रालय की ओर से देश के खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। लेकिन इस बार इसके नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। जिसमें खेल रत्न पुरस्कारों की प्रक्रिया में काफी रियायत प्रदान की गई है। नियमों में दी गई इन रियायतों से खिलाड़ियों को काफी हद तक लाभ मिलेगा।
अनुशंसा का नियम समाप्त :
खेल पुरस्कारों के लिए इससे पहले खिलाड़ियों के वही आवेदन स्वीकार्य किए जाते थे जो कि अधिकारियों या व्यक्तियों की अनुशंसा पर भेजे जाते थे। लेकिन खेल मंत्रायल ने एक सर्कुलर में कहा है कि उन्होंने पुरस्कार योजना में अधिकारियों की अनुशंसा पर भेजे गए आवेदनों को जमा करने वाला नियम ही खत्म कर दिया है। यानि अब बिना किसी की अनुशंसा के खिलाड़ी अपना आवेदन भेज सकेंगे।
फिलहाल फॉर्म में ये हिस्सा खाली छोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन में प्रस्तावक मिलने में भी खिलाडियों को बड़ी कठिनाई हो रही थी। ऐसे में खिलाड़ियों को स्वयं के नामांकन की अनुमति भी प्रदान की गई है। इससे पहले खेल पुरस्कार आवेदन नियमों के तहत वही आवेदन मान्य होते थे, जिनके लिए किसी राष्ट्रीय महासंघ, खेल बोर्ड या पूर्व पुरस्कार विजेताओं ने अनुशंसा की हो।
नामांकन तिथि भी आगे बढ़ाई :
खेल रत्न पुरस्कारों के लिए आवेदन की तिथि को अब 22 जून तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख 3 जून निर्धारित की गई थी। बता दें कि मंत्रालय ने कोरोना के कारण इस बार आवेदन ईमेल पर ही मंगवाए थे।