Rajasthan. खेल विभाग विभाग की ओर से प्रदेश में करीब 100 नई खेल अकादमियां Sports academies खोलने का ऐलान किया गया है। ये अकादमियां ‘पे एंड प्ले’ स्कीम पर रन की जाएंगी। खेल मंत्री अशोक चांदना का कहना है कि इनके माध्यम से प्रदेश के खिलाड़ियों को और अच्छा प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। मगर जो अकादमी पहले से संचालित की जा रही हैं उनके अंदर काफी समय से जो खामियां चली आ रही हैं, उन्हें दूर करने के लिए खेल विभाग ने अभी तक किसी तरह की कोई सुध नहीं ली है। ऐसे में अब ये नई अकादमियां कितने दिन तक टिक पाएंगी ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा।
मंत्री चांदना ने समीक्षा बैठक के बाद इसे हरी झंडी देने का फैसला कर लिया है। बता दें कि पहले चरण में ऐसी 100 अकादमियां खोलने का लक्ष्य रखा गया है। इस Pay and Play स्कीम के तहत स्थानीय खेलों को अधिक तबज्जो दी जाएगी। यानी जहां जो स्थानीय खेल खेला जाता है वहां उसी पर जोर दिया जाएगा। इसमें कोचिंग के लिए खिलाडियों को शुल्क देना होगा। वहीं विजिटर्स को शुल्क मुक्त रखा गया है।
और यहां ये हालात :
बास्केटबॉल प्लेयर हर्ष दाधीच का कहना है कि प्रदेश में खेलों के लिए माहौल बनाना होगा। इसके लिए सबसे पहली सीढ़ी है कि आपके पास खेल मैदान होने चाहिए, जो कि वर्तमान में नहीं हैं। कुछेक जिलों को छोड़ दें तो प्रदेश के हालात खेल मैदान के मामले में अच्छे नहीं हैं। राजस्थान के जिला मुख्यालयों पर पहले से संचालित की जा रही अकादमियों में खेल मैदानों की हालत या तो खस्ताहाल है या फिर कई जगह खेल मैदान हैं ही नहीं।
स्पोर्ट्स स्कूल पर उठ चुके हैं सवाल :
यही हाल शिक्षा विभाग द्वारा बीकानेर में संचालित सादुल स्पोर्ट्स स्कूल का है। ये राजस्थान का एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय है। जिसकी स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी। इस संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्य में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करना था। जिसका सालाना बजट करीब 6 करोड़ रुपए है। यदि वास्तविकता पर गौर किया जाए तो प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग इस संस्थान की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बिल्कुल गंभीर नहीं है।
इस तरह हो रहा खिलवाड़ :
राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने बताया कि सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में सरकार द्वारा 12 खेल संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों की योग्यता सरकार द्वारा स्पष्ट रूप से विभागीय आदेश में निकाली है कि वह डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स एंड कोचिंग के साथ प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी ही यहां पर प्रशिक्षक लगने योग्य है। जबकि इन सभी गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया।