राष्ट्रगान जन-गण-मन सुनते ही हर भारतीय देशभक्ति के भावों से ओतप्रोत हो जाता है। यही राष्ट्रगान आज से 108 साल पहले गाया गया था। भारत के राष्ट्रगान की रचना नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टौगोर ने बंगाली भाषा में की थी और इसे पहली बार मंच पर उनकी भांजी ने गाया था। बाद में आबिद अली ने हिंदी और उर्दू में इसका अनुवाद किया। 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार राष्ट्रगान बंगाली और हिंदी भाषा में गाया गया। उस समय स्कूल के कुछ बच्चों ने इसे गाया था। वहीं बहुत कम लोग ही जानते हैं कि राष्ट्रगान का अंग्रेजी वर्जन भी है, जिसे ‘द मॉर्निंग सोंग ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता है। इसका अंग्रेजी में अनुवाद रवींद्नाथ टैगोर ने ही किया था।
24 जनवरी 1950 में मिला दर्जा :
14 अगस्त, 1947 को जब भारत आजाद हुआ था तब संविधान सभा पहली बार बैठी थी। इसका समापन जन गण मन के साथ ही हुआ था। 24 जनवरी, 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने औपचारिक तौर पर ‘जन-गण-मन’ को राष्ट्रगान घोषित किया।
नियमों का रखें ध्यान :
राष्ट्रगान के सम्मान को बनाए रखने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। जिनमें राष्ट्रगान गाने की कुल अवधि 52 सेकंड है। राष्ट्रगान को हमेशा खड़े होकर ही गाया जाता है। वहीं राष्ट्रधवज फहराते समय और दूरदर्शन एवं ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रपति के देश को संबोधन से ठीक पहले और बाद में राष्ट्रगान बजाने के नियम हैं। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है। इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियां ही बोलते हैं, जिसमें 20 सेकेण्ड का समय लगता है। यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान का अपमान करने का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन साल का कारावास और जुर्माना देना होगा।