जयपुर नगर निगम ने स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग बढ़ाने का एक नया तरीका निकाला है। जिसका बोझ आम जनता के सिर आने वाला है। इसके तहत सफाई निरक्षकों को कचरा फैलाने वालों के खिलाफ चालान काटने के लिए टारगेट दिए गए हैं। यदि वो टारगेट पूरा नहीं कर पाते हैं, तो उनके खिलाफ भी करवाई होगी। इसके लिए उन्हें रोजाना अपने वार्ड में कम से कम 5 जन के खिलाफ चलाना काट कार्रवाई करनी होगी। आपको बता दें कि स्वच्छ्ता सर्वेक्षण में जयपुर की रैंकिंग पांच अंक पिछड़कर 44 पर आ गई है।
ये रहेंगे चालान :
इससे पहले निगम इस तरह के चालान से करीब 7.47 लाख का राजस्व ले चुका है। लेकिन इस बार लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जुर्माने की दरों में भी बढ़ोतरी की गई हैं, जिसके तहत अब घर के बाहर कचरा मिलने पर 100, दुकान के बाहर 500, छोटे रेस्टोरेंट पर 2 हजार, ढ़ाबे के बाहर 5 हजार, होटल के बाहर 20 हजार और फैक्ट्री, इंडस्ट्री और बड़े कॉम्प्लेक्स के बाहर कचरा मिलने पर 1 लाख रु. तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
सफाई निरीक्षकों को उनके वार्ड में कचरा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कोई व्यक्ति इन निरीक्षकों के कार्य में बाधा ड़ालने या विरोध की शिकायत आती है तो उन पर पुलिस का मुकदमा भी हो सकता है।