प्रकाश पालीवाल/राजसमंद. रेलमगरा के दरीबा स्थित हिंदुस्तान जिंक की माइंस में पिछले आठ साल से सैकडों मजदूरों के जीवन में लेड नामक बीमारी का जहर घुलता जा रहा है। इस बीमारी को लेकर एक मजदूर ने कई बार माइंस मैनेजमेंट से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस तरह की बीमारी से त्रस्त माइंस मजदूर विनोद ने होली से एक दिन पहले रविवार को परेशान होकर घर पर जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करनी चाही। घर वालों को जैसे ही पता चला तो फौरन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसका इलाज जारी है।
सूचना पर स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी अस्पताल पहुंचीं और मजदूर विनोद से बात कर हर तरह की मदद देने का वादा किया। विनोद के जहर खाने की सूचना पर माइंस में काम करने वाले करीब 300 मजदूर जिला चिकित्सालय पहुंच गए और माइंस में हड़ताल घोषित कर दी गई।
इसलिए उठाया ये कदम :
दरीबा स्थित हिंदुस्तान जिंक माइंस में आठ साल से करीब आठ सौ मजदूर लेड नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। इसकी शिकायत कई बार माइंस मैनेजमेंट से की मगर उन पर कोई असर नहीं हुआ तो विनोद ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक किरण माहेश्वरी से कर दी। इस बात को गंभीरता से लेते हुए विधायक ने 5 मार्च को इस मुद्दे को विधानसभा में उठा दिया। इस बात से नाराज होकर माइंस प्रबंधन विनोद को धमकियां देने लग गया। जिससे परेशान होकर विनोद ने ये कदम उठा लिया।
आखिर लेड बीमारी है क्या :
जिंक माइंस में काम करने से मजदूरों के जोड़ों में दर्द की समस्या होनी शुरू हो जाती है। इससे मजदूर जोडों की बीमारी से ग्रसित हो जाता है। मजदूरों का आरोप है कि पिछले 8 साल से हर तीन माह में खून का सेंपल तो लिया जाता है मगर अभी तक इसकी कोई मेडिकल रिपोर्ट मजदूरों को नहीं दी है। ऐसे में यहां काम करने वाले करीब 800 मजदूर इसकी चपेट में हैं।